अजब-गजब : चिंतामनचक प्राइमरी स्कूल में छात्र 5 और शिक्षक 4

 अजब-गजब : चिंतामनचक प्राइमरी स्कूल में छात्र 5 और शिक्षक 4



अजब-गजब : चिंतामनचक प्राइमरी स्कूल में छात्र 5 और शिक्षक 4 गाजीपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चे 12 और शिक्षक 6, तो धरमपुर स्कूल के दर्जनभर बच्चों के लिए तैनात हैं 5 गुरुजी इसुआचक मिडिल स्कूल में 192 छात्रों पर शिक्षक एक और वे भी कर बीएलओ के काम गैबी हाईस्कूल में एक ही विषय के कई शिक्षक हैं तैनात, तो रहुई में विषयवार शिक्षक नहीं फोटो : चिंतामनचक स्कूल : हरनौत के चिंतामनचक स्कूल में नामांकन 5 छात्रों के साथ तैनात सभी 4 शिक्षक। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। इसमें कोई शक नहीं कि शिक्षकों की बहाली होने पर छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर हुआ है।

पहले100 से 200 छात्रों पर, तो अब 25 से 30 छात्रों पर एक शिक्षक तैनात हैं। लेकिन, हमेशा चर्चा में रहने वाला शिक्षा विभाग शिक्षकों के विद्यालय में पदस्थापन करने में पूरी तरह से सफल साबित होता दिख रहा है। शिक्षा विभाग के अजब-गजब कारनामों की चर्चा अक्सर सुर्खियों में रहता है। हरनौत प्रखंड के चिंतामनचक प्राइमरी स्कूल में महज पांच छात्रों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक पदस्थापित कर दिये गए हैं। इसी तरह, बिन्द प्रखंड के गाजीपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चे 12 नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने को छह शिक्षक तैनात हैं। धरमपुर प्राइमरी स्कूल के दर्जनभर बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच गुरुजी पदस्थापित कर दिये गए हैं। दुल्लाचक प्राथमिक विद्यालय में महज 25 बच्चों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक पदस्थापित हैं। रहुई प्रखंड के नारायणपुर प्राथमिक विद्यालय में महज 20 बच्चों को पढ़ाने के लिए चार शिक्षक तो झमनबिगहा प्राथमिक विद्यालय में महज 25 बच्चे को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक हैं। रहुई के कायमपुर प्राथमिक विद्यालय में महज 76 बच्चे को पढ़ाने के लिए पांच शिक्षक कार्यरत हैं। एक ही विषय के कई शिक्षक : गैबी हाईस्कूल के प्राचार्य प्रवीण कुमार पुरन्दरे ने बताया कि माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान विषय के पांच शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि, महज तीन शिक्षक की ही आवश्कता है। सामाजिक विज्ञान के चार शिक्षक हैं। जबकि, दो शिक्षक ही होने चाहिए। गणित विषय के तीन शिक्षक हैं। जबकि, दो शिक्षकों की ही जरूरत है। संस्कृत विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं। रसायन शास्त्र, भूगोल व गृह विज्ञान के भी शिक्षक नहीं हैं। जहां जरूरत वहां शिक्षक नहीं : बिन्द प्रखंड के इसुआचक मिडिल स्कूल में 192 छात्र नामांकित हैं। लेकिन, इन्हें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं। हालांकि, एक शिक्षक पदस्थापित हैं। लेकिन, इन्हें बीएलओ का काम सौंप दिया गया है। इस वजह से दो माह से इस विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई बाधित है। प्रभारी सुजीत कुमार ने बताया कि बीएलओ का काम सौंपे जाने से दो माह से बच्चों की पढ़ाई बाधित है। रहुई हाईस्कूल के प्राचार्य शबाना खातून ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए विषय वार शिक्षक नहीं हैं। कस्तूरबा में भी शिक्षक नहीं : मिर्जापुर मध्य विद्यालय में 256 बच्चे नामांकित हैं। इसके अलावा कस्तूरबा विद्यालय की 99 बच्चियां भी इसी विद्यालय में पढ़ाई करती हैं। स्कूल में महज चार शिक्षक ही तैनात हैं। जबकि, दो शिक्षकों अन्य स्कूलों से इस विद्यालय में शैक्षणिक कार्य के लिए प्रतिनियुक्त हैं। छात्र-शिक्षक अनुपात 25 : जिले में दो हजार 446 सरकारी विद्यालय संचालित हैं। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा तीनों चरणों की शिक्षक बहाली में जिले को पांच हजार 679 शिक्षक मिले। हालांकि, एक साल में जिले से कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हुए। शिक्षकों की बहाली होने से जिले को काफी राहत मिली है। जिले में वर्तमान में 17 हजार 474 शिक्षक हैं। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर चार लाख 51 हजार 165 विद्यार्थी नामांकित थे। इस आंकड़े के हिसाब से जिले में छात्र-शिक्षक अनुपात 25 है। हालांकि, वर्तमान में शिक्षकों को तबादले का दौर जारी है। इस वजह से कई शिक्षकों को दूसरी जगह तबादला भी किया गया है। कई जिले से इस जिले में भी शिक्षक आए हैं। जिले में कोटिवार शिक्षक : पहली से आठवीं के लिए नियोजित : 4,219 प्रारंभिक विद्यालय में नियमित : 700 हाईस्कूल में नियमित : 48 हाईस्कूल में नियोजित : 355 हाईस्कूल में (बीपीएससी) एचएम : 05 सक्षमता-वन में विशिष्ट शिक्षक : 4,540 सक्षमता-टू में विशिष्ट शिक्षक : 1,928 टीआरई-वन में : 2,425 टीआरई-टू में : 1,789 टीआरई-थ्री में : 1,465 कुल : 17,474 शिक्षक बोले अधिकारी : बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना ही पहली प्राथमिकता है। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी व मानक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, इसकी समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के बाद अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी। आनंद विजय, जिला शिक्षा पदाधिकारी
Previous Post Next Post