सारण के स्कूलों में दूर होगी शिक्षकों की कमी
छपरा, प्रतिनिधि। जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों
की कमी अब जल्द दूर की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र के आधार पर स्थापना डीपीओ ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
निदेशक के पत्र में कहा है कि छात्र संख्या और विषयवार जरूरत के अनुसार स्कूलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अब जिलास्तर पर की जाएगी। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को अधिकृत किया गया है कि वे समीपवर्ती स्कूलों से उपलब्ध शिक्षकों की तैनाती करें, ताकि छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो सके।
शिक्षकों की अद्यतन स्थिति व विषयवार उपलब्धता की देनी है
रिपोर्टः स्थापना डीपीओ ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अद्यतन स्थिति, विषयवार उपलब्धता और स्थानांतरित शिक्षकों द्वारा योगदान की स्थिति की सूची अविलंब जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल से
हाल में हुए शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद कई विद्यालयों में असंतुलन की स्थिति बन गई है। कहीं शिक्षक अधिक हैं तो कहीं बेहद कमी है। कई विद्यालयों में शिक्षक शून्यता जैसी स्थिति बन गई है।
शिक्षकों के बीच हलचल
सभी प्रखंडों में विद्यालयों से रिपोर्ट मंगाकर उसे समेकित करने में पूरे दिन बीआरसी के कर्मी लग रहे ताकि रिपोर्ट को सही तरीके से बनाकर जिला मुख्यालय को भेजा जा सके। हालांकि सबसे ज्यादा समस्या वैसे विद्यालयों से हो रही है जहां छात्र शिक्षक अनुपात ज्यादा गड़बड़ है। छात्र से ज्यादा शिक्षक पदस्थापित हैं। कुंडली मारकर वर्षों से बैठे शिक्षक दूसरे विद्यालय में जाना नहीं चाहते हैं। इसलिए उन विद्यालयों से रिपोर्ट आने में विलंब हो रहा है। बावजूद वरीय पदाधिकारी की सख्ती की वजह से देर शाम तक रिपोर्ट समेकित किया जाता रहा।
जरूरत वाले स्कूलों को किया जा रहा चिन्हित
शिक्षा निदेशक ने निर्देशित किया है कि प्रत्येक विद्यालय का वास्तविक मूल्यांकन कर यह स्पष्ट किया जाए कि कितने शिक्षक पदस्थ हैं, कितने का योगदान लंबित है और किन विषयों के शिक्षक की तत्काल आवश्यकता है। इसी के आधार पर डीईओ जरूरत वाले स्कूलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करेंगे। निर्देश में यह भी कहा गया है कि यदि निर्धारित समय तक सूची उपलब्ध नहीं कराई गई तो संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और लेखापाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह पहल विद्यालयों में पढ़ाई की गुणवत्ता बनाए रखने और छात्र हित को ध्यान में रखते हुए की गई है।