बच्चों की पढ़ाई पर ऑनलाइन नजर रखेंगे अफसर, एमडीएम की भी होगी मॉनिटरिंग

 बच्चों की पढ़ाई पर ऑनलाइन नजर रखेंगे अफसर, एमडीएम की भी होगी मॉनिटरिंग



बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था को तकनीक से जोड़कर पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। इसी क्रम में अरवल जिले के सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की पढ़ाई से जुड़ी गतिविधि और मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी अब डिजिटल माध्यम से होगी। इसके लिए जिले के 610 प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में टैबलेट वितरित किए जाएंगे। प्रत्येक विद्यालय को नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार पर दो से तीन टैब दिए जाएंगे। टैब के माध्यम से प्रतिदिन छात्र उपस्थिति दर्ज की जाएगी, साथ ही शिक्षक कौन सा पाठ पढ़ा रहे हैं, परीक्षा परिणाम की स्थिति क्या है और एमडीएम की गुणवत्ता कैसी है इस सारी जानकारी को सीधे राज्य परियोजना कार्यालय के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

यह पूरी प्रक्रिया शिक्षकों द्वारा संचालित की जाएगी, जिन्हें इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि टैब के जरिए उपस्थिति और शिक्षण गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने से न केवल फर्जी उपस्थिति और मिड-डे मील में हेराफेरी पर रोक लगेगी, बल्कि विद्यालयों की कार्कीणाली में भी बड़ा सुधार आएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि विभाग का पत्र प्राप्त हो चुका है और जल्द ही सभी विद्यालयों में टैबलेट की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। वितरण का कार्य माइक्रोकेयर कंप्यूटर प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी द्वारा किया जाएगा, जो आईएमईआई नंबर सहित टैब उपलब्ध कराएगी और उपयोग की पुष्टि के लिए फोटो सबूत भी संग्रह करेगी।

माइक्रोकेयर कंपनी को मिली जिम्मेदारी, बीआरसी स्तर पर टैबलेट का वितरण


शिक्षा विभाग ने टैब की आपूर्ति और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी माइक्रोकेयर कंप्यूटर प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी को सौंपी है। यह कंपनी टैब के साथ उसकी आईएमईआई नंबर, वितरण रसीद, और उपयोग प्रमाण पत्र विभाग को सौंपेगी। साथ ही, शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देगी कि कैसे टैब में डेटा दर्ज करना है और विभागीय पोर्टल से समन्वय करना है। टैबलेट वितरण के साथ ही सभी संबंधित शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे तकनीकी बाधाओं के बिना टैब का प्रयोग कर सकें। प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें

यह बताया जाएगा कि छात्रों की उपस्थिति कैसे दर्ज करनी है, पाठ्यक्रम की प्रगति को कैसे ट्रैक करना है, और एमडीएम की रिपोर्टिंग कैसे करनी है। हर विद्यालय से प्रतिदिन उपस्थिति, शिक्षण कार्य, एमडीएम और परीक्षा परिणाम संबंधी रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को भेजी जाएगी। इससे पटना स्थित मुख्यालय से हर स्कूल की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई भी की जा सकेगी। प्रत्येक प्रखंड में स्थित बीआरसी में विद्यालयों की संख्या के अनुसार टैबलेट भेजे जाएंगे। यहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की उपस्थिति में

विद्यालय प्रधान और एक नामित शिक्षक को टैब दिए जाएंगे। वितरण की पूरी प्रक्रिया की वीडियो व फोटो रिकॉर्डिंग की जाएगी और उपयोगकर्ता की पुष्टि के बाद ही सप्लाई को अंतिम रूप दिया जाएगा। मध्याह्न भोजन योजना के तहत भोजन की गुणवत्ता और उपलब्धता की निगरानी भी अब टैब के जरिए होगी। विद्यालय में भोजन बना या नहीं, कितने छात्रों ने खाया, इस पर भी रोजाना रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन भेजी जाएगी। इससे एमडीएम में गड़बड़ी की संभावनाएं कम होंगी।

टैब पर दर्ज होगी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति


अरवल जिले में कुल 610 सरकारी विद्यालय हैं, जिनमें प्राइमरी स्कूल 331 में 662 टैबलेट वितरित किए जाएंगे। अपर प्राइमरी स्कूल 207 में 414 टेबलेट वितरण किए जाएंगे। सीनियर सेकेंडरी स्कूल 72 में 186 टेबलेट वितरण किए जाएंगे जिसमें विभाग का निर्देश है कि प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को दो-दो और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को तीन-तीन टैब दिए जाएंगे। इन टैबलेट्स में छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की पढ़ाई से संबंधित विवरण, परीक्षा परिणाम और एमडीएम की जानकारी दर्ज की जाएगी। अब तक सिर्फ शिक्षकों की उपस्थिति ही डिजिटल माध्यम से दर्ज होती थी, लेकिन अब छात्रों की उपस्थिति भी टैबलेट पर प्रतिदिन दर्ज की जाएगी। इससे नामांकित छात्रों की वास्तविक उपस्थिति का आंकलन करना आसान होगा और फर्जी उपस्थिति या दोहरी नामांकन जैसे मामलों पर लगाम लगेगी। टैबलेट में शिक्षकों को पढ़ाई का विवरण दर्ज करना अनिवार्य होगा कौन-सा पाठ पढ़ाया गया, कितने छात्रों ने भाग लिया और क्या होमवर्क दिया गया, इत्यादि। इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक स्कूल में सक्रिय रूप से शिक्षण कार्य में लगे हैं या नहीं। विभागीय अधिकारी मुख्यालय स्तर से इन जानकारियों की मॉनिटरिंग करेंगे
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