सभी सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में होगा शिक्षा समिति का पुनर्गठन

 सभी सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में होगा शिक्षा समिति का पुनर्गठन



सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षा समिति का पुनर्गठन किया जाएगा. तीन वर्ष से अधिक कार्यकाल पूर्ण समिति का दुबारा पुनर्गठन होगा. इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने डीइओ को निर्देश दिया है. निर्देश के मुताबिक आठ जुलाई तक समिति का पुनर्गठन करना है.

साथ ही विद्यालय शिक्षा समिति के पुनर्गठन करने की कार्रवाई से संबंधित एक समेकित प्रतिवेदन भी विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मालूम हो कि कि जिले के अधिसंख्य विद्यालय ने अब तक विद्यालय शिक्षा समिति का गठन नहीं किया है. शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार समिति में कुल 17 सदस्य होते हैं. जिनमें 9 सदस्य कोटिवार नामांकित विद्यार्थियों के अभिभावकों में से तथा अन्य सदस्य पदेन व नामित सदस्य के रूप में चयनित किये जाते हैं. पदेन सदस्यों में विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं संबंधित पंचायत के वार्ड सदस्य शामिल होते हैं. वार्ड सदस्य समिति के अध्यक्ष चुने जाते हैं. चयन प्रक्रिया के तहत आम सभा में उपस्थित अभिभावकों की सर्वसम्मति से समिति के सदस्यों का चयन किया जाता है. इसके उपरांत समिति के अंदर सचिव पद के लिए चुनाव कराया जायेगा. नियम के अनुसार अध्यक्ष या सचिव में से कम से कम एक महिला होना अनिवार्य होता है. चयनित सदस्यों को विद्यालय संचालन से संबंधित विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.

दस जुलाई तक जमा करना होगा प्रतिवेदन

डीइओ रजनीश कुमार झा ने बताया कि विद्यालय शिक्षा समिति के पुनर्गठन का निर्देश प्राप्त हुआ है. आठ जुलाई तक गठन कर जिला मुख्यालय को प्रतिवेदन उपलब्ध कराना है. संब्धित स्कूलों के हेडमास्टर को सूचित कर दिया गया है. नौ और दस जुलाई को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में समिति के गठन अथवा पुनर्गठन से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन की मांग की गयी है. इसलिए स्कूल प्रशासन इसे आवश्यक समझते हुए समय से विद्यालय शिक्षा समिति का गठन करें.

शैक्षणिक व्यवस्था व विकास कार्यों में समिति की होती है भूमिका

विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था, मध्याह्न भोजन योजना व विकास कार्यों में शिक्षा समिति का अहम भूमिका होती है. सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षा समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है. विभाग एवं विद्यालयों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रारम्भिक विद्यालयों में 9 सदस्यीय शिक्षा समिति का गठन हुआ था, जिसका कार्यकाल तीन साल के लिए था. तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है. नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. लेकिन शिक्षा समिति का गठन नहीं हुआ है. जबकि विद्यालयों के विकास के लिए नए वित्तीय वर्ष में राशि भी आवंटित हो चुकी है. राशि का खर्च किस मद में कैसे होगा, इसपर शिक्षा समिति के सदस्य, शिक्षक चर्चा कर निर्णय लेते है.
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