म्युचुअल ट्रांसफर बिहार के टीचरों के लिए बना 'मैचमेकर', ऐसे ली जा रही चुटकी, कई ने की शिकायत
अभी तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी फोटो और वीडियो शेयर करते थे. लोग नए दोस्त बनाते थे. बिहार के टीचर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अलग ही काम के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. बिहार में हाल ही में शिक्षा विभाग की तरफ से परस्पर स्थानांतरण (म्यूचुअल ट्रांसफर) का आदेश जारी किया गया है. इससे शिक्षक पारदर्शी तरीके से अपना ट्रांसफर करा सकेंगे. अब वहां के टीचर ट्रांसफर के लिए सोशल मीडिया का खूब सहारा ले रहे हैं. टीचरों के ट्रांसफर के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर बना है लेकिन, टीचर अपना ‘ट्रांसफर पार्टनर’ खोजने के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम और गूगल डॉक्यूमेंट का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रांसफर बाजार’ बन गया है. शिक्षक इन प्लेटफॉर्म पर अपना जिला, कार्यस्थल और मनचाही पोस्टिंग के साथ मोबाइल नंबर साझा कर रहे हैं, ताकि कोई इच्छुक शिक्षक संपर्क कर सके.
मैचिंग का नया ‘मेला’
म्यूचुअल ट्रांसफर की यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन जोड़ी बनाने की तरह हो गई है. हर शिक्षक चाहता है कि कोई ऐसा मिले जो उनकी जगह ट्रांसफर ले और वह अपनी पसंद की जगह पर पहुंच सकें. सीतामढ़ी के कार्यरत शिक्षक शिवमंगल सिंह, जो सारण में ट्रांसफर कराना चाहते हैं और नरगिस प्रवीण जो अरेराज में हैं और सीतामढ़ी के किसी ब्लॉक में ट्रांसफर चाहती हैं. सुमन कुमार झा सीतामढ़ी के रीगा में पोस्टेड हैं और परसौनी में ब्लॉक के किसी स्कूल में जाना चाहते हैं. ऐसे ही सैकड़ों शिक्षक हैं जो अपना पार्टनर खोज रहे हैं जहां वहां पेस्टिंग चाहते हैं. इसके लिए म्युचल ट्रांसफर ग्रुप बना हुआ है. शिक्षक अपने जिले और स्कूल का नाम, सब्जेक्ट और अनुभव के साथ वाट्सएप ग्रुप में डिटेल डाल रहे हैं. सैकड़ों शिक्षक हर दिन नए-नए ग्रुप में जुड़ रहे हैं.
कुछ शिक्षक बोले, ‘काम से भटका रहे हैं’
इस बीच कुछ शिक्षकों का यह भी कहना है कि सरकार ने सारा बोझ उनके कंधे पर डाल दिया है. अब उन्हें पढ़ाने के साथ-साथ अपना ट्रांसफर भी खुद ‘मैनेज’ करना है. “हम शिक्षक हैं या बिचौलिये?” यह सवाल कई असंतुष्ट शिक्षकों के दिल में घर कर गया है. कई शिक्षकों का मानना है कि म्यूचुअल ट्रांसफर एक अच्छी व्यवस्था है लेकिन, इसका क्रियान्वयन बिना स्पष्ट दिशा-निर्देशों के किया गया है. नतीजा यह है कि शिक्षक अब गूगल फॉर्म्स बनाकर, डाटा इकट्ठा कर अपने लिए जोड़ीदार तलाश रहे हैं. सोशल मीडिया पर शिक्षक-शिक्षिका जोड़ी मिलाने के मैसेज वायरल हो रहे हैं. लोग इसे ‘शिक्षक ट्रांसफर मेला’ भी कहकर चुटकी ले रहे हैं.