स्थानांतरित महिला शिक्षकों का योगदान शुरू

 स्थानांतरित महिला शिक्षकों का योगदान शुरू



पटना। राज्य में 30 जून एवं एक जुलाई को स्थानांतरित महिला शिक्षकों ने अपनी पोस्टिंग वाले स्कूलों में योगदान देना शुरू कर दिया है। लेकिन, जिन महिला शिक्षकों को जिला आवंटन के बाद स्कूल आवंटित नहीं हुआ, उन्हें अब स्कूल आवंटन का इंतजार है।

आपको याद दिला दूं कि स्थानांतरित 10,322 महिला शिक्षकों की पोस्टिंग 30 जून को हुई। इसके साथ ही 6,335 महिला शिक्षकों को जिला आवंटन किया गया। इनका स्कूल आवंटन संबंधित जिलों के जिला स्थापना समिति द्वारा की जानी है। जिन 10,322 महिला शिक्षकों की पोस्टिंग की गयी, उनमें 881 ऐसी महिला शिक्षक थीं, जिन्हें जिला तो आवंटित कर दिये गये थे, लेकिन स्कूल का आवंटन नहीं किया गया था। वर्तमान स्कूलों में शिक्षकों की कम संख्या के कारण 1,063 महिला शिक्षकों को

न तो जिला आवंटित किये गये थे और न ही स्कूल। इन 1,063 महिला शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए इन्हें स्कूल और जिला दोनों ही आवंटित किये गये थे। 6ठी से 12वीं कक्षा की 8,378 महिला शिक्षकों का स्कूल आवंटन किया गया।

उसके बाद से ही महिला शिक्षक ई शिक्षाकोष पर यह देखने में लग गयीं कि उन्हें कौन सा स्कूल आवंटित हुआ है। जिन्हें अपना आवंटित स्कूल दिख गया, उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। ई-शिक्षाकोष पर स्थानांतरण आदेश मिलने के बाद ऐसी महिला शिक्षकों ने आवंटित स्कूलों में योगदान देना शुरू कर दिया है। योगदान देने की अंतिम तिथि 10 जुलाई है।

दूसरी ओर जिन महिला शिक्षकों को जिला आवंटित हुआ था, लेकिन उन्हें स्कूल का आवंटन ई-शिक्षाकोष अब तक नहीं दर्शा रहा है, वह अब यह पूछने शिक्षा विभाग में पहुंच रही हैं कि जब उनका जिला आवंटित हो चुका था, तो स्कूल का आवंटन क्यों नहीं हुआ, अब होगा या नहीं? अब उन्हें यह कौन बताये कि क्यों नहीं हुआ। अगर आश्वासन के दो शब्द मिल जायें, तो सीधा सवाल कि उन्हें स्कूल कब आवंटित होगा ? और, अगर मनोकुकूल आश्वासन के शब्द सुनने को नहीं मिले, तो सीधा सवाल कि जब स्कूल आवंटित नहीं करना था, तो जिला आवंटन क्यों किया गया ?

इन्हीं सवालों के साथ ऐसी महिला शिक्षकों द्वारा विभाग में अधिकारियों के दरवाजे खटखटाये जा रहे हैं। लेकिन, संतोषजनक जवाब मिलने के बाद भी यह गारंटी चाह रही हैं कि उन्हें स्कूल कब तक आवंटित किया जायेगा ?
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