शिक्षक भर्ती घोटाले में बांका के पूर्व शिक्षक को दो वर्ष की सजा
बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को बांका के एक प्राथमिक विद्यालय के पूर्व शिक्षक मंडेश्वर भगत को दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त पर चालीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं अदा करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। अदालत ने अभियुक्त को आइपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया था। मामला वर्ष 1990 से 95 के बीच का है। भागलपुर जिले के विभिन्न विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। मामला प्रकाश में आने के बाद वर्ष 2005 में
पटना उच्च न्यायालय के आदेश से भर्ती घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। सीबीआइ ने इस घोटाले में कई प्राथमिकी की थी। दोषी पाया गया प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक एक प्राथमिकी में आरोपित था, उसने रैकेट के अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने रिश्तेदारों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक के रूप में नियुक्त कराया था। मामले में सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक सत्यजीत सिंह ने बहस की थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 31 लोगों ने गवाही दी है।