एक सरकारी स्कूल में एक असाध्य रोगी शिक्षक की पोस्टिंग होगी, बीमार हुए तो दूसरे लेंगे क्लास
बिहार के एक सरकारी स्कूल में एक ही असाध्य रोगी शिक्षक की पोस्टिंग होगी। एक स्कूल एक असाध्य रोगी शिक्षकों की पोस्टिंग का उद्देश्य पढ़ाई बाधित होने से रोकना है। यदि असाध्य रोगी शिक्षक बीमार होते हैं, तो उनकी क्लास दूसरे शिक्षक लेंगे। सरकारी सॉफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था की गई है, जिससे एक ही स्कूल में सिर्फ एक बीमार शिक्षक का ही पदस्थापन हो रहा है। इसके बाद सॉफ्टवेयर लॉक कर दिया जा रहा है। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि एक ही स्कूल में दो-तीन अस्वस्थ शिक्षक न भेजे जाएं, ताकि शिक्षण व्यवस्था पर असर न पड़े। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के ट्रांसफर के बाद उस जिले में रिक्त सीटों को सार्वजनिक किया जा रहा
है। इसकी वजह पारदर्शिता बनाए रखना है। इसके साथ ही जिलों में पोस्टिंग होने वाले शिक्षकों की संख्या, विषयवार शिक्षकों की जानकारी तथा आवश्यकता होने पर विभिन्न विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति है।
10,471 शिक्षक कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारी से पीड़ित
बिहार में 1.90 लाख शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था। इसमें 1.20 लाख शिक्षकों के ट्रांसफर की कार्रवाई की जा रही है। जिन्हें 20 जून तक स्कूल आवंटित कर दिया जाएगा। नए सत्र में शिक्षक अपने पोस्टिंग वाले स्कूल में पढ़ाएंगे। 1.90 लाख शिक्षकों में 10,471 शिक्षक कैंसर, गंभीर बीमारी, मानसिक रोगी, दिव्यांग सहित अन्य असाध्य बीमारी से पीड़ित है।