शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण के मामले में जिले की उपलब्धि कम
शिक्षक-शिक्षिकाओं के ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी करने की गति पश्चिम चंपारण जिले में काफी धीमी है।
बीते 26 मई से जारी शिक्षकों की पोस्टिंग प्रक्रिया में जिले की उपलब्धि का प्रतिशत सिंगल डिजिट में है। जबकि 20 जून तक की अंतिम समय सीमा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ के स्तर से निर्धारित की जा चुकी है।
उक्त कुल 26 दिन में से 13 दिन अर्थात आधा समय बीत जाने के बाद भी जिले की उपलब्धि 5.23 फीसदी पर जाकर ठहर गई है। रविवार शाम विभागीय आंकड़ों में इकाई उपलब्धि प्रतिशत वाले सिर्फ छह जिलों में मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, बक्सर, पूर्णिया और पश्चिम चंपारण ही अधिसूचित हैं। उसमें भी पश्चिम चंपारण जिला सबसे नीचे अर्थात 38 वें पायदान पर दर्शाया गया है। जबकि 98.41 प्रतिशत के साथ जमुई प्रथम, 95.04 के साथ शिवहर द्वितीय 94.50 के साथ शेखपुरा तृतीय और 71.42 फीसदी उपलब्धि के साथ खगड़िया राज्य में चौथे नंबर पर है। वही 50 फीसदी से अधिक उपलब्धि प्राप्त करने वाले जिलों में केवल अरवल और किशनगंज जिले ही शामिल हैं। विभागीय स्तर
से चिह्नित कुल 5127 शिक्षक-शिक्षिकाओं के ऐच्छिक स्थानांतरण की पोस्टिंग प्रक्रिया में राज्यभर सबसे निचले स्तर पर रहने को लेकर अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ द्वारा कड़ा रुख अपनाया गया है। जिले में मात्र 268 शिक्षकों की पोस्टिंग हो पाई है। हालांकि सूत्रों के अनुसार रविवार को करीब एक हजार शिक्षक शिक्षिकाओं की पोस्टिंग कर दिए जाने के प्रभाव स्वरूप कारण उपलब्धि का ग्राफ 268 से उछलकर करीब डेढ़ हजार तक पहुंच जाने की बात शिक्षा विभाग के सूत्रों द्वारा बताई जा रही है। इस प्रकार पश्चिम चंपारण जिले की उपलब्धि अब 5.23 से बढ़कर करीब 15 फीसदी तक पहुंच जाने की जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय के सूत्रों ने दी है।