कमाई का सबूत न हो तो पति भी पत्नी पर आश्रित माना जाएगा, मिलेगा मुआवज़ाः SC
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी महिला के पति को सिर्फ इस वजह से आश्रित मानने से इनकार नहीं किया जा सकता कि वह एक सक्षम पुरुष है। अगर यह सावित नहीं होता कि पति खुद कमाता है, तो माना जा सकता है कि वह अपनी पत्नी की आमदनी पर निर्भर था।
यह फैसला जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की वेंच ने 29 अप्रैल को सुनाया। मामला 22 फरवरी 2015 की एक सड़क दुर्घटना से जुड़ा है, जिसमें एक महिला वाइक पर पीछे बैठी थी। हादसे में वह गिरकर घायल हो गई और दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। महिला के पति और दो वच्चों ने मुआवजा मांगा था। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) ने फैसला दिया था कि सिर्फ वच्चे आश्रित है, पति नहीं, क्योकि वह 40 साल का सक्षम व्यक्ति है। वीमा कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई और मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने पति और दोनों वच्चों को आश्रित मानते हुए कुल 17 लाख 84 हजार रुपये मुआवजा तय किया। इस फैसले से साफ है कि पति भी मुआवजे का हकदार हो सकता है, अगर वह पत्नी की कमाई पर निर्भर था।
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