जागरण संवाददाता, पटना सरकारी स्कूलों में चल रहे मध्याह्न भोजन कार्य से प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक मुक्त किए जाएंगे। मध्याह्न भोजन निदेशालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस नए नियम पर काम शुरू कर दिया है।
विभाग का कहना है कि राज्य के 10 जिलों में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है। इस नई व्यवस्था का मूल्यांकन कराया गया। इससे जानकारी मिली की प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक का बहुमूल्य समय मध्याह्न भोजन योजना
में चला जा रहा है। इससे विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधि प्रभावित हो रही है। निदेशालय ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक को मध्याह्न भोजन योजना से अलग रखा जाएगा। ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। इनके जगह पर स्कूल के किसी अन्य शिक्षक को इस कार्य में लगाया जाएगा। यह पयलट प्रोजेक्ट के तौर पर चिन्हित प्रखंडों के स्कूलों में 13 जून तक लागू रहेगी। जिसकी शुरूआत 13 मई से हो गई है। बताया जाता है कि यह कार्य सफल रहा तो यह व्यवस्था सभी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर करनी रिपोर्ट जिन प्रखंड के स्कूलों में यह व्यवस्था लागू की गई है वहां मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित सारी रिपोर्ट ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करनी है। जिला शिक्षा कार्यालय ने विभाग से आदेश प्राप्त होने के बाद प्रभारी शिक्षक को मध्याह्न भोजन से संबंधित प्रमाण पत्र या प्रतिवेदन संधारित करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि प्रमाण पत्र के अतिरिक्त प्रत्येक दिन सभी कक्षाओं के बच्चों के फोटो ग्राफी करेंगे और उसे भी संधारित करेंगे।