शिक्षक हाजिरी घोटाला

शिक्षक हाजिरी घोटाला

 बिहार के सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षक हाजिरी घोटाले का खुलासा हुआ है। शिक्षा विभाग की जांच पता चला है कि लगभग 8000 शिक्षक स्कूल आए बिना ही फर्जी हाजिरी बनवा रहे हैं। वे अपना रजिस्टर्ड मोबाइल सहकर्मी, टोला सेवक, ग्रामीण या कर्मचारी को दे देते हैं, जो स्कूल में उनकी जगह हाजिरी लगा देते हैं। इसके साथ ही 5000 ऐसे शिक्षक हैं, जो मार्क ऑन ड्यूटी का ऑप्शन सिलेक्ट करके हाजिरी बनाते हैं। जबकि उन्हें विभागीय रूप से दूसरा कोई काम नहीं दिया जा रहा है। मार्क ऑन ड्यूटी पोर्टल पर मौजूद एक विकल्प है, जिसे तब चुना जाता है जब शिक्षक को उसके स्कूल से बाहर किसी अन्य कार्य पर विभाग द्वारा तैनात किया गया हो। जांच के दौरान पटना में भी 1600 शिक्षकों की हाजिरी संदिग्ध पाई गई है।


जांच में यह भी पता चला है कि कई शिक्षक ई शिक्षा कोष के पोर्टल में वीडियो, फोटो और लोकेशन डाटा के साथ हेराफेरी करके हाजिरी बना रहे हैं। शिक्षा विभाग को दिसंबर से अप्रैल तक जांच के दौरान हजारों शिक्षकों के फर्जीवाड़ा के बारे में जानकारी मिली। ऐसे में जो शिक्षक फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, उनके खिलाफ निलंबन, ट्रांसफर सहित अन्य कार्रवाई की जा रही है। बार-बार ऐसा करने पर बर्खास्त किया जाएगा. 



दूर-दराज क्षेत्र में पोस्टेड व दूसरे राज्यों के लगभग 8000 शिक्षक गलत तरीके से हाजिरी लगा रहे हैं। जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है। हालांकि, 99% से अधिक शिक्षक समय पर स्कूल जा रहे हैं।


आनंद मिश्रा, सचिव, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ


सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लगातार काम हो रहा है। जो शिक्षक स्कूल से समय से पहले चले जाते हैं या फिर गलत तरीके से अटेंडेंस लगाते हैं, उन पर कार्रवाई होगी। -


डॉ. एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग


शिक्षकों ने कैसे लगाई फर्जी हाजिरी, इसके चार उदाहरण...


कैस-1: मुंगेर के मिस्त्री टोला स्कूल के शिक्षक राजेश

कुमार 3 महीने से स्कूल नहीं गए। सहकर्मी उनकी पुरानी फोटो से पोर्टल पर हाजिरी बनाते रहे। जांच में पता चला कि फरवरी से अप्रैल तक एक भी वास्तविक अटेंडेंस नहीं है।


केस-2: भागलपुर


के हरिनगर स्कूल में प्रधानाध्यापक विपिन गुप्ता पूरे अप्रैल जैकेट व टोपी में हाजिरी बनाते रहे। भीषण गर्मी में ऐसे कपड़ों से संदेह हुआ। एक जैसे कपड़ों में फोटो से फर्जीवाड़ा पकड़ाया।


केस-3: पश्चिम चंपारण के मटियरिया स्कूल में प्रधानाध्यापक सचिन कुमार ने अपनी लॉगिन से शिक्षकों की हाजिरी बनाई। सहायक शिक्षिका निशा भी प्राचार्य की आईडी से हाजिरी बनवा रही थीं। सेल्फी नहीं डाली।


केस 4: गया जिले


में दर्जनभर शिक्षकों ने फोटो, वीडियो और लोकेशन डाटा में छेड़छाड़ कर हाजिरी बनाई। कुछ स्कूल के बाहर से हाजिरी बना रहे थे। डेटा की जांच से हकीकत सामने आई।

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