एक दर्जन विद्यालय के शिक्षकों की उपस्थिति में गड़बड़ी
सोनो. प्रखंड के एक दर्जन विद्यालय के शिक्षकों की उपस्थिति की जांच में गड़बड़ी पाई गई है. डीईओ के आदेश पर ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शिक्षकों की उपस्थिति की रैंडम जांच की गई जिसमें 12 विद्यालयों के शिक्षकों की उपस्थिति में गंभीर गड़बड़ी पाई गईं. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी योजना एवं लेखा ने इस संबंध में पत्र जारी किया कर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को 48 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है. जांच में पाया गया कि कई शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज नहीं की तो कई ने सेल्फी की जगह कमरे या विद्यालय की फोटो अपलोड की. कुछ ने समय दर्ज नहीं किया तो कई शिक्षकों की उपस्थिति विलंब से दर्ज हुई.
किसी ने छुट्टी ली लेकिन उसका रिकॉर्ड पोर्टल पर नहीं दिखा तो कुछ मामलों में सेल्फी नॉट सिंक्ड पाई गई. उत्क्रमित मध्य विद्यालय सबेजोर के कंतलाल सिंह की 16 और 17 मई की सेल्फी नॉट सिंक्ड रही. इसी विद्यालय के रवि कुमार ने दो दिन ””इन”” और तीन दिन ””आउट”” सेल्फी दर्ज नहीं की. उत्क्रमित मध्य विद्यालय टहकार के सुनील कुमार की 15, 16, 17 और 19 मई की सेल्फी ””नॉट सिंक्ड”” रही. उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरियारपुर के अब्दुल्लाह अंसारी की उपस्थिति विलंब से दर्ज हुई जबकि इसी विद्यालय की सुमायला प्रवीण 17 और 19 मई को अनुपस्थित रहीं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय खोटवा के श्यामलाल यादव ने 10, 14, 15 और 16 मई को कमरे की फोटो अपलोड की वहीं 10, 13, 14 और 16 मई की उपस्थिति अधूरी रही. इसी विद्यालय की कंचन प्रभाकर 13 और 14 मई को अनुपस्थित रहीं. 17 मई को दूसरे शिक्षक की सेल्फी अपलोड की गई. वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय खोटवा की ही चांदनी कुमारी की 13 और 14 मई की सेल्फी नहीं मिली. 16 मई को स्कूल आईडी से उपस्थिति दर्ज की गई लेकिन फोटो और समय नदारद था. उत्क्रमित मध्य विद्यालय पनारी के प्रदीप यादव की उपस्थिति विलंब से दर्ज हुई. 14 मई की ””आउट”” सेल्फी नहीं थी.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय भेलवा के फैजल कामरान की 10 मई की ””आउट”” सेल्फी नहीं थी. 17 मई की सेल्फी ””नॉट सिंक्ड”” रही. वहीं प्लस टू उत्क्रमित उच्च विद्यालय रक्तरोहनियां की आफरीन निगार की 19 मई को ””आउट”” सेल्फी थी बाकी दिनों की सेल्फी ””नॉट सिंक्ड”” रही. इस तरह की गड़बड़ी को देखते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि यह प्रधानाध्यापकों की जिम्मेदारी है कि शिक्षक समय पर उपस्थिति दर्ज करें. गड़बड़ियों से स्पष्ट है कि शिक्षकों को प्रधानाध्यापकों का संरक्षण प्राप्त है. सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने और संबंधित शिक्षकों से अलग-अलग स्पष्टीकरण लेकर 48 घंटे में जमा करें.