मिड-डे मील में गड़बड़ी पर डीपीओ नपेंगे

 राज्य ब्यूरो, जागरण पटनाः राज्य के सरकारी विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) योजना के संचालन की निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही इसमें किसी प्रकार की अनियमितता, लाभुक बच्चों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा एवं निर्धारित मेन्यू का पालन नहीं किया और योजना बाधित होने की शिकायत मिली तो सीधे तौर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना), जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा जिला एवं प्रखंड साधनसेवी पर कार्रवाई होगी। इस बाबत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार को सभी जिलों को निर्देश दिया। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।



निर्देश में अपर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त होती हैं कि जिलों में मध्याह्न भोजन निर्धारित मेन्यू के अनुसार बच्चों को नहीं दिया जाता है। बच्चों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा किया


जाता है और मध्याह्न भोजन का संचालन बाधित रहता है। केंद्रीयकृत रसोईघर के संबंध में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता खराब रहने तथा बच्चों की संख्या की तुलना में कम मात्रा में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति करने के संबंध में भी शिकायतें प्राप्त होती हैं, जो अत्यंत खेदजनक है। निर्देश में अपर मुख्य सचिव ने हिदायत भरे शब्दों में कहा है कि सामान्य तौर पर देखा जाता है कि मध्याह्न भोजन की अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर केवल प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक पर ही कार्रवाई की जाती है तथा केंद्रीयकृत रसोईघर के विपत्र की राशि से कटौती की जाती है, जबकि अनियमितता के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा प्रखंड एवं जिला साधनसेवी समान रूप से दोषी हैं।

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