बिहार में शिक्षकों के लिए आ गया नया फरमान, BDO के आदेश से टीचरों का फूटा गुस्सा
बिहार के शिक्षकों पर मोबाइल रखने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. हनुमाननगर में BDO द्वारा मोबाइल जमा कराने का आदेश जारी होते ही शिक्षकों में जबरदस्त नाराजगी फैल गई है. शिक्षक इसे निजता का उल्लंघन बताकर विरोध की तैयारी में जुट गए हैं.
Bihar Teacher: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन के नाम पर एक नया आदेश बवाल की वजह बन गया है. दरभंगा जिला में हनुमाननगर प्रखंड के BDO सह प्रखंड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के सचिव द्वारा जारी एक सख्त आदेश में शिक्षकों के स्कूल टाइम में मोबाइल रखने पर पाबंदी लगा दी गई है. आदेश के अनुसार, अब हर शिक्षक को विद्यालय में प्रवेश करते ही अपना मोबाइल फोन प्रधानाध्यापक को जमा कराना होगा और छुट्टी के समय ही वह मोबाइल उन्हें वापस मिलेगा.
आदेश के पीछे तर्क – क्लास के दौरान मोबाइल का उपयोग
22 मई को आयोजित प्रखंड स्तरीय बैठक में कुछ शिकायतें आई थीं कि शिक्षक कक्षा संचालन के समय मोबाइल का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसके बाद BDO ने आदेश जारी करते हुए कहा कि शिक्षक केवल छुट्टी के बाद ही अपना मोबाइल फोन ले सकेंगे. आपात स्थिति में परिजनों को विद्यालय के प्रधानाध्यापक से संपर्क करना होगा.
गैरज़रूरी सख्ती या ज़रूरी अनुशासन?
इस आदेश को लेकर शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह कदम न केवल गैरज़रूरी है, बल्कि इससे शिक्षक समुदाय को अपमानित किया जा रहा है. कई शिक्षक इसे ‘मानवाधिकार’ और ‘निजता के हनन’ की संज्ञा दे रहे हैं.
शिक्षक संघ की तीखी प्रतिक्रिया
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव नारायण मंडल ने बयान जारी करते हुए कहा कि, “यदि कोई शिकायत थी तो इसकी जांच और कार्रवाई BEO के स्तर से होनी चाहिए थी, न कि BDO के स्तर से। प्रखंड पदाधिकारी को इस प्रकार के फैसले लेने से पहले कानूनी अधिकार और प्रक्रिया का ध्यान रखना चाहिए था.”
जनप्रतिनिधि भी आए समर्थन में
जिला परिषद सदस्य सुनीता यादव ने भी आदेश की निंदा करते हुए कहा कि, “सरकारी अफसरों को शिक्षकों को टारगेट करना सबसे आसान लगता है. लेकिन क्या उन्हें जनता की सेवा के लिए इसी तरह तत्परता दिखाई जाती है?” उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार संवाद और सहयोग से संभव है, न कि दमन और डर से.
संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस आदेश को लेकर शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि यह आदेश जल्द वापस नहीं लिया गया, तो वे जिला और राज्य स्तर पर विरोध दर्ज कराएंगे. कई जगहों पर शिक्षकों ने मौन प्रदर्शन की योजना बनानी शुरू कर दी है.