छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सारण जिले में कार्यरत विशिष्ट शिक्षकों की लंबित सेवा पुष्टि, वेतन निर्धारण व वेतन संरचना की प्रक्रिया को दुरुस्त करने के उद्देश्य से स्थापना डीपीओ धनंजय पासवान ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को एक अत्यंत महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।
पत्र के माध्यम से स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि समस्त लंबित कार्यों को समयबद्ध और चरणबद्ध तरीके से 15 मई तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। आदेश में कहा गया है कि कई विद्यालयों से शिक्षकों की सेवा पुष्टि की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है और एचआरएमएस पोर्टल पर ऑनबोर्डिंग अब तक नहीं हो पाया है, जिसके कारण शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति न केवल शिक्षकों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि प्रशासनिक अक्षमता का भी संकेत देती है। इसलिए संबंधित बीईओ को यह दायित्व सौंपा गया है कि वे अपने अधीनस्थ सभी
विद्यालयों से सेवा पुष्टि और वेतन निर्धारण की अद्यतन स्थिति प्राप्त कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। डीपीओ स्थापना ने स्पष्ट किया है कि
कोई लापरवाही या अनदेखी पाई गई, तो संबंधित बीईओ, प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उत्तरदायी मानते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जिन शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए ऋणात्मक सूची भेजी गई थी, उसके आधार पर भी भुगतान सुनिश्चित किया जाए, लेकिन अब अंतिम भुगतान केवल अद्यतन मास्टर सूची के आधार पर ही किया जाएगा।
इस आदेश को जिले भर के शिक्षकों के लिए एक राहत भरा कदम माना जा रहा है, जो लंबे समय से वेतन व सेवा पुष्टि की अनिश्चितता से जूझ रहे हैं। यदि इस निर्देश का गंभीरता से अनुपालन हुआ तो यह न केवल शिक्षकों की आर्थिक समस्याओं को दूर करेगा, बल्कि शिक्षा तंत्र में अनुशासन, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता को भी नया आयाम देगा।
एचएम को भी जिम्मेदारी
डीपीओ स्थापना द्वारा जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी विद्यालय
प्रधानों को निर्देशित किया जाए कि वे अपने विद्यालय के विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति, योगदान, पदस्थापन व सेवा पुस्तिका से संबंधित समस्त दस्तावेजों की जांच कराकर उन्हें एचआरएमएस पोर्टल पर सही रूप से दर्ज करें। इसके अलावा, वेतन निर्धारण केवल नियुक्ति की तिथि के आधार पर ही किया जाए-कोई भी वेतन निर्धारण या सेवा पुष्टि नियुक्ति तिथि से पूर्व प्रभावी नहीं मानी जाएगी।
वित्त विभाग के आदेश का दिया गया हवाला
डीपीओ ने अपने पत्र में वित्त विभाग के आदेश का हवाला देते हुए यह भी कहा है कि यदि कोई शिक्षक 1 जुलाई के बाद सेवा में आता है, तो उसे उस तिथि से वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, जबकि 1 जुलाई से पहले योगदान करने वाले शिक्षकों को अगले वर्ष से लाभ मिलेगा । वेतन निर्धारण के लिए प्रत्येक विद्यालय से एक मास्टर सूची मंगाई जा रही है, जिसमें शिक्षकों के नाम, पदनाम, योगदान तिथि, सेवा पुष्टि की स्थिति, एचआरएमएस आईडी, स्कूल कोड और अन्य जानकारी अंकित होगी। यह सूची निर्धारित प्रारूप में तैयार कर 3 प्रतियों में संबंधित बीईओ को सौंपना होगा, जो उसे जांच कर जिला कार्यालय प्रेषित करेंगे।
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