पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य के सभी एससी-एसटी टोलों के बच्चों के नामांकन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग आवश्यकता के अनुसार ऐसे टोलों में विद्यालय खोलेगा।
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में जिलों को निर्देश दिया है कि इन टोलों में एक भी बच्चा विद्यालय में नामांकन से वंचित नहीं रहे, इसे सुनिश्चित कराए। शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि इसका आकलन कराए कि इन टोलों में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत मानक दूरी पर विद्यालय हैं या नहीं। ऐसे टोलों में यदि विद्यालय एक किलोमीटर के दायरे में नहीं हैं, तो वहां नए प्राथमिक विद्यालय खोले जाएंगे, ताकि कोई भी बच्चा विद्यालय दूर होने के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहे। उसे बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। इस संबंध में विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि राज्य के 60 हजार टोलों में राज्य सरकार शिविर लगाकर अनुसूचित जाति, जनजाति समुदाय के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया है। जिलों व प्रखंडों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी इसी आलोक में विद्यालयों में नामांकन को लेकर विभाग ने जिलों और प्रखंडों के पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है। विशेष कर शिक्षा सेवकों को जिम्मेदारी है कि वह देखें कि टोले का कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने कहा कि नए विद्यालय खोलने के लिए जिलों से जो भी प्रस्ताव आएंगे, उसका सत्यापन कर आगे निर्णय लिया जाएगा।
बच्चे दाखिला से वंचित नहीं, इसका भेजना है प्रमाणपत्र
उन्होंने यह भी कहा है कि एससी-एसटी टोलों में एक भी छह साल तथा इससे अधिक उम्र का बच्चा विद्यालय में नामांकन से वंचित नहीं है, इसका प्रमाणपत्र संबंधित पदाधिकारियों को विभाग में भेजना है।
इसके लिए टोलों में नियमित रूप से शिक्षक, शिक्षा सेवक, आंगनबाड़ी सेविका, जीवीका दीदियां आदि समन्वय बनाकर कार्य करेंगे और सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित कराएंगे। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि राज्य में 68 हजार से अधिक प्रारंभिक विद्यालयों (कक्षा एक से आठ) का संचालन अभी हो रहा है। इनमें करीब 38 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं।
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