शिक्षा विभाग ने बिहार के सरकारी स्कूलों के लिए पठन-पाठन के लिए 'पाठ्यचर्या (पढ़ाई की रूपरेखा) रूपरेखा-2025' में तय की है. इसमें खास बात यह होगी कि पाठ्यचर्या को चार भागों मसलन बुनियादी स्तर, प्रारंभिक स्तर, मध्य और माध्यमिक स्तर में विभाजित किया गया है. अगर इस पाठ्यचर्या पर शिक्षा विभाग की मुहर लगती है, तो सरकारी स्कूलों में चार स्तर होंगे. प्रत्येक स्तर पर पढ़ाई
विद्यालय की समयावधि चार घंटे से लेकर साढ़े आठ घंटे तक का समय होगा. वर्ग अवधि 50 मिनट की होगी. फिलहाल अभी पाठ्यचर्या के प्रस्ताव पर पर सुझाव मांगे गये हैं. प्रस्ताव में 180 दिन पढ़ाई के लिए अनिवार्य तौर पर तय किये गये हैं. यह पाठ्यचर्या एससीइआरटी ने बनायी है. इस तरह का प्रस्ताव हर 10 साल में बनाया जाता है.
इस तरह होगी पठन-पाठन की रूपरेखा
बुनियादी स्तर : बच्चों को पर्यावरण
से परिचय कराया जायेगा. प्रति सप्ताह केवल पांच दिन स्कूल आना होगा. बच्चा केवल चार घंटे स्कूल में रहेगा. इस दौरान प्रारंभिक 20 मिनट अनुशासन सत्र और मध्यांतर 30 मिनट का होगा. शिक्षक भोजन के नियम बतायेंगे. इसमें बच्चे पांच साल तक के लिए होंगे.
प्रारंभिक स्तरः कार्य दिवस की
शुरुआत 20 मिनट की होगी. कुछ विषयों की पढ़ाई 40 मिनट व कुछ की 80 मिनट की घंटी होगी. प्रारंभिक चरण में छह घंटे का स्कूल होगा. इस स्तर पर छह से आठ साल के बच्चे होंगे.
मध्य स्तर : मध्य स्तर के सभी कार्य दिवस 7.15 घंटे का होगा. सप्ताह सोमवार से शनिवार तक का होगा. प्रयोगशाला वाले विषयों में वर्ग अवधि 80 मिनट का होगा. सप्ताह में किसी भी दिन पुस्तकालय के लिए 80 मिनट होंगे. इसी तरह सप्ताह में एक दिन 80 मिनट खेलकूद आदि के लिए होंगे.
माध्यमिक स्तर: सोमवार से शनिवार तक
तक के कार्य दिवस में समयावधि 8 घंटे 35 मिनट की होगी. विद्यालय संचालन सुबह आठ बजे से शाम 4:35 तक होगा. विद्यार्थी एक वैकल्पिक विषय में रूप में शारीरिक शिक्षा का चयन कर सकते हैं.
Post a Comment