शेड के नीचे बच्चों की पढ़ाई, पेयजल की सुविधा नहीं, 5 वर्षों से एमडीएम भी बंद

शेड के नीचे बच्चों की पढ़ाई, पेयजल की सुविधा नहीं, 5 वर्षों से एमडीएम भी बंद

 यह शहर का शहीद सराय स्थित राजकीय मिडिल स्कूल है। यहां पहली से लेकर आठवीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। जिसमें 107 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। शहर के इलाके व्यस्त इलाके में स्कूल है। इसलिए बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी खासी होती है। औसतन 65 से 70% बच्चे रोजाना पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन इन बच्चों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। नतीजतन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है। यह स्कूल फर्स्ट फ्लोर पर स्थित है। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर नगर परिषद द्वारा दुकान आवंटित कर दी गई है। इसलिए इस स्कूल में अतिरिक्त क्लास रूम बनाने के लिए भी अब जगह नहीं है। इसके छत पर भी कमरा नहीं बनाया जा सकता है। कारण कि यह भवन काफी पुराना है। इसलिए इसके ऊपर भवन बनाना खतरा से खाली नहीं होगा। फिलहाल करकट के शेड के बरामदे में बच्चों की पढ़ाई होती है। इस बरामदा में छठवीं और आठवीं क्लास के बच्चों की पढ़ाई होती है। जबकि दो और कमरा है। एक में तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास के बच्चों की पढ़ाई होती है। जबकि दूसरे कमरा में पहली और दूसरी क्लास के बच्चों की पढ़ाई होती है। यानी की संयुक्त रूप से क्लास संचालित करने की वजह से बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्रभावित होती है। हालांकि प्रधानाध्यापक समेत 7 शिक्षक पदस्थापित है। रोजाना क्लास भी संचालित होता है।



लंच के समय बच्चों को जाना पड़ता है घर


वर्ष 2020 से मध्याह्न भोजन योजना बंद है। इसका मुख्य कारण है कि किचन में जाने के लिए स्कूल का छज्जा ही रास्ता था, लेकिन वर्ष 2020 में छज्जा टूट कर गिर गया। इस वजह से अब किचन में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। उस स्थान पर चापाकल भी है। इसलिए अब बच्चे व शिक्षक वहां भी नहीं जाते हैं। शौचालय के पास भी जाना संभव नहीं है। इसलिए लंच के समय बच्चों को भोजन करने के लिए घर जाना पड़ता है। इसलिए लंच के समय जब बच्चे घर जाते हैं तो घर से फिर आने में विलंब करने लगते हैं। इसी तरह पीने के लिए बच्चों को घर से


बोतल में पानी लाना पड़ता है। अगर कोई बच्चा पानी नहीं ला पाया तो प्यास लगने पर इसे फिर घर जाना पड़ता है। शौचालय की समस्या से छात्र-छात्राएं और शिक्षक जूझ रहे हैं। जरूरत पड़ने पर शिक्षकों को 500 मीटर दूर भोला सनातन मिडिल स्कूल में शौचालय के लिए जाना पड़ता है। जबकि शिक्षकों को मार्केट में स्थित सुलभ शौचालय में जाना पड़ता है। जबकि बच्चे अपने घर चले जाते हैं। इस स्कूल के हेडमास्टर द्वारा कई बार बीईओ व डीईओ को इस बारे में अवगत कराया गया है, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।

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