पटना, कार्यालय संवाददाता। सरकारी स्कूलों के 90% शिक्षक अब नए तरीके से बच्चों को पढ़ाने की पहल कर रहे हैं। पढ़ाई के दौरान नवाचार का प्रयोग कैसे हो इसके लिए वे टीचिंग लर्निंग मेटेरियल का इस्तेमाल कर रहे है।
बच्चों को विषय वस्तु पर अच्छी पकड़ बनाने के लिए मॉडल, डायग्राम, चार्टपेपर, मैप आदि की मदद से पढ़ाते हैं। इसका खुलासा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) की ओर से राज्य के करीब 72 हजार सरकारी स्कूलों के 1.5 लाख शिक्षकों के सर्वे के तहत किए गए निरीक्षण में हुआ है। ये शिक्षक बच्चों को नवाचारी तरीके से पढ़ाते हैं ताकि उन्हें समझने में आसानी हो। प्रायोगिक ढंग से पढ़ाने पर बच्चे आसानी से किसी भी विषय पर अपनी पकड़ बना लेते हैं। टीएलमएम का इस्तेमाल राज्य के 1 लाख 36 हजार 977 शिक्षक कर रहे हैं। यह बदलाव एससीईआरटी द्वारा शिक्षकों
को दिए गए छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के बाद हुआ है। ये शिक्षक पाठ्य पुस्तक के विषय के आधार पर टीएलएम का इस्तेमाल करते हैं। वहीं 10 प्रतिशत ऐसे भी शिक्षक हैं जो केवल किताबों से ही बच्चों को पढ़ाते हैं। इन शिक्षकों की संख्या 15 हजार 279 हैं।
शिक्षकों को सतत व्यावसायिक विकास के तहत दिए गए छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के बाद यह सकारात्मक बदलाव हुआ है। राज्य के 90 प्रतिशत शिक्षक टीएलएम का उपयोग कर पढ़ाते हैं। - सज्जन आर, निदेशक, एससीईआरटी
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