अब सरकारी विद्यालयों को पका हुआ भोजन कराया जाएगा उपलब्ध

 राज्य ब्यूरो, जागरण पटना : राज्य के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को अब पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षा विभाग ने पीएम पोषण योजना के तहत मध्याह्न भोजन व्यवस्थापक के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बच्चों को पका पकाया भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। पहले चरण में 10 जिलों में चयनित दो-दो पंचायत यानी कुल 20 पंचायतों के सभी विद्यालयों में प्रोजेक्ट लागू होगा। ये जिले मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय और औरंगाबाद हैं।



पीएम पोषण योजना निदेशालय के निदेशक विनायक मिश्र ने सोमवार को पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने हेतु संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसके मुताबिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन तैयार कराने एवं बच्चों के खिलाने में अधिकतर समय व्यर्थ जाता है। इसके कारण बच्चों एवं शिक्षकों का बहुमूल्य समय नष्ट होता है। इसलिए बच्चों को पका पकाया भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रत्येक पंचायत के लिए मध्याह्न भोजन व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक चयनित किया जाएगा जिसके ऊपर योजना के संचालन की पूर्ण जवाबदेही होगी।


जिला शिक्षा अधिकारी व्यवस्थापक का चयन करेंगे


जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक का चयन किया जाएगा। व्यवस्थापक के लिए शिक्षा सेवक/विकास मित्र/प्रखंड साधन सेवी (मध्याह्न भोजन योजना) अथवा प्रखंड/पंचायत स्तर पर उपलब्ध किसी मानवबल से चयन किया जा सकता है। व्यवस्थापक की शैक्षणिक योग्यता कम से कम स्नातक होनी चाहिए। यह ध्यान रहे कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत विद्यालयों में रसोईया व सहायक रसोईया कार्यरत है। इनमें से कई रसोईया का शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। यदि ऐसे रसोईया स्वेच्छा से व्यवस्थापक का दायित्व निभाना चाहते है तो उनके चयन पर भी विचार किया जा सकता है। जिस किसी कर्मी को व्यवस्थापक का दायित्व दिया जाएगा वे अपने कार्य के अतिरिक्त उक्त दायित्व का भी निर्वहन करेंगे।


खाद्यान्न का स्टाक व्यवस्थापक की देखरेख में रहेगा


जिस तिथि से व्यवस्थापक द्वारा मध्याह्न भोजन का संचालन किया जाएगा उस तिथि से खाद्यान्न का स्टाक उसकी देखरेख में रहेगा। मानक के अनुसार कक्षा पहली से पांचवी तक के प्रति छात्र प्रतिदिन 100 ग्राम चावल और कक्षा छठी से आठवीं तक के प्रति छात्र 150 ग्राम चावल उपयोग किया जाएगा। पंजी का संधारण व्यवस्थापक के जिम्मे होगा और प्राप्त खाद्यान्न की मात्रा, उपयोग किए गए खाद्यान्न की मात्रा, प्राप्त राशि, खाद्य सामग्री क्रय हेतु व्यय राशि आदि पंजी दर्ज करेंगे।

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