कई लोग समायोजन की याचिका लेकर एकल पीठ में गए। सब मुझसे कह रहे थे – ‘भैया, आप भी याचिका करिए।’ मैं हँसता रहा और सोचता रहा – पहले इन्हें पैंतरे आज़माने दो।
वकीलों से बात की तो बोले – ‘GO चैलेंज तो एकल पीठ में होता है।’ तब भी मैं मुस्कराता रहा – चलो, अच्छी बात है।
यहाँ तक कि लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता से मिला और अपना प्लान बताया तो बोले – ‘हम नहीं कर सकते।’
तब सोचा – सबकुछ पक्ष में है, बस लड़ने वाला चाहिए। फिर मैंने आनंद सर से मिलकर योजना तैयार की और लगभग दो महीने तक मेहनत कर याचिका को मजबूत बनाया।
बहुत से बेवकूफ जो हर विवाद में आपको बेवकूफ बनाते हैं, कहते थे – ‘समायोजन तो मर्जी से हो रहा है, इसमें क्या ही होगा!’ पर मैं हमेशा हँसता रहा – चलो, समय आने दो। फिर मेरी किस्मत देखिए, सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आया और याचिका दायर होने वाली थी – तुरंत रोक दिया गया, कहा – ‘नहीं, अभी वेट कीजिए, कुछ जोड़ना है।’
यही होती है रणनीति – हिमांशु की। मेरी दो ही मांगें हैं –
पदोन्नति में TET अनिवार्य हो
समायोजन रद्द किया जाए
अगर कोई संगठन मेरी ये दोनों मांग पूरी कर देता है, तो मैं याचिका वापस ले लूँगा।
बाकी कुछ बेवकूफ जो TET पास हैं और मेरा विरोध कर रहे हैं, उनसे बस एक ही मांग है –
मेरे द्वारा किए गए काम का विरोध करके दिखाइए
#rana