विस्तृत पोस्ट है पढ़िएगा ज़रूर, ख़ासतौर पर वे जो नियमों पर लड़ना जानते हैं ~
आज लगभग राज्य सरकर के AAG ने ठान लिया था कि अगली तारीख़ ज़रूर ले ली जाए ताकि कोई fruitfull result न निकले लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट से आए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद नंदन और अधिवक्ता आनिंदय शास्त्री जी ने लंच से पहले बताया कि याचिका में कोई भी technical fault नहीं है केवल matter को lingeron यानी सरकर खींचना चाहती है जबकि याचिका Writ A 523/2024 Himanshu Rana & oths Vs Union of India & oths में जो कहा गया है उसी को लेकर ये दूसरी याचिका है जिसमें राज्य सरकार केवल बहाने बना रही है। जबकि कोर्ट के द्वारा जो पिछली डेट में कहा गया था वह सब technical issues resolved कर लिए गए हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि ठीक है आपकी याचिका Writ A 523/2024 Himanshu Rana & oths Vs Union of India & oths में जो माँग की गई है उसके अनुसार हम दोनों मुद्दे (समायोजन + पदोन्नत्ति) एक साथ सुनेंगे । ध्यान देने योग्य है अधिवक्ता और कोर्ट केवल हिमांशु राणा के नाम से याचिका कह रहे थे जो कि 27 JULY 2015 के बाद हुआ है (सोचते रहिएगा क्यों)
पदोन्नत्ति में हमारी माँग है कि जो elligible candidates हैं उन्हें तुरंत पदोन्नत्त किया जाए और साथ ही हमारे साथ जो याचिककर्ता जुड़े हैं उन्हें तुरंत राहत दी जाए। (याचिका की प्रेयर संलग्नक कर रहा हूँ)
एक बात आप जान लीजिए आप "हिमांशु राणा" का विरोध कर सकते हैं लेकिन उसके द्वारा किये गए कार्य का विरोध करने के लिए आपको अधिवक्ताओं का सहारा लेना होगा क्योंकि आपकी समझ केवल वहाँ तक है कि लोगों से पैसे लिए और कार्य करने में शून्य रहे।
ख़ैर ऐसे लोग न जीवन में कभी अपनो के सगे रहे तो आम शिक्षक अभ्यर्थी जो इन पर विश्वास करता है उनके तो क्या ही रहेंगे बाक़ी जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरे पर पत्थर सोचकर मारें क्योंकि नंगे दिखेंगे फिर।
इनकी सबसे बड़ी समस्या है कि हिमांशु कैसे केस को चैलेंज करके सीधा खंडपीठ में ले जाता है और रिज़ल्ट भी ले लेता है।
पदोन्नत्ति हो, मर्जर हो (इस पर एक टीम के लालच ने सब शिक्षक और बच्चों का नुक़सान कराया है और अब उनके अधिवक्ता कोर्ट तक में नहीं आते हैं और उनका साथ एक ऐसा व्यक्ति दे रहा था जिसने टेट मेरिट को हरवाया ही नहीं बल्कि मर्जर और बच्चों के नाम पर पैसे तक लेकर फ़रार है) असली में मेरा विरोध यही करते हैं क्योंकि इनके पास दिखाने को कुछ है नहीं और अगर है तो आइये एक बैठक बुलाई जाए ऐसे लपड़झंडिस लोगों की
सरकार द्वारा भविष्य में कभी भी बिना TET के पदोन्नत्ति नहीं की जा सकेगी और जो हाल ही में समायोजन किया गया है ये पूर्ण रूप से रद्द होगा और पदोन्नत्ति में हमारे साथ के लोगों को लाभ अवश्य मिलेगा।
कहा था विस्तृत लिखूँगा विस्तार से बाद में तो यही है
बाक़ी ऐसे जलनखोरों और बेवक़ूफ़ों के लिए ये है
"न आता न जाता और इनका चुनाव चिन्ह छाता"
हिमांशु लड़ रहा है जीतेगा, मर्जर भी, पदोन्नत्ति भी और समायोजन भी उसके अधिवक्ता हमेशा कोर्ट में रहेंगे बस सही से साथ देने वाले मिल जाएँ।
#rana
read prayer no (vii) must for you