कुछ लोगों ने पूछा था कि पार्थ, समायोजन रद्द कराने हेतु रूपी रथ कहाँ तक पहुँचा।
तो आज उत्तर है—सरकार चाहकर भी अवैध कार्य नहीं कर सकती और यह समायोजन पूरी तरह अवैध है |
अगर ज़रा-सी भी शर्म बाकी हो तो उस डिग्री को दिखाकर लीगल हेल्प डेस्क पर शिक्षकों को बेवक़ूफ़ बनाना बंद कर दीजिए।
आप ही थे जिन्होंने 11 मई 2015 को शिक्षामित्रों की SLP खारिज करवाई थी, और हम वही हैं जिन्होंने 15 मई 2015 को मामला स्वीकार करवाया था।
आज भी हम वही हैं जिन्होंने नियम के आधार पर इस समायोजन की याचिका को स्वीकार करवाया है।
हमें मालूम है कि आप जनता के बीच केवल उन्हें बरगलाने के लिए जाते हैं।
लेकिन अब इतना ही कहेंगे—कर्म देख लिए हों तो आइए, हमारे बीच में साथ बैठते हैं पर शायद इतनी औकात न हो आपकी अगली तारीख़ मर्जर की है उस पर वक़ील आएंगे या नहीं पैसे पूरे कर लीजिये |
बाकि अगला खंड बाद में सहनाम के साथ और विस्तार से
#राणा