जन्माष्टमी 2025: घर पर कैसे करें श्रीकृष्ण की पूजा – विधि और मंत्र

 जन्माष्टमी 2025: घर पर कैसे करें श्रीकृष्ण की पूजा – विधि और मंत्र



इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। यह पावन अवसर भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में बड़े हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है।

Krishna Janmashtami Vrat Niyam: जन्माष्टमी व्रत के नियम 

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लें

ब्रह्मचर्य का पालन करें, दिन में न सोएं

अन्न और नमक का सेवन न करें

तामसिक भोजन से परहेज करें

फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू आदि का सेवन करें

व्रत का पारण रात 12 बजे के बाद करें

सुबह और शाम, दो बार भगवान की पूजा करें

काले रंग के वस्त्र और वस्तुएं न उपयोग करें

पहले भगवान को भोग लगाएं, फिर प्रसाद से व्रत खोलें


Krishna Janmashtami Live: जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को जरूर चढ़ाएं तुलसी दल 

भगवान श्रीकृष्ण को भोग अर्पित करते समय तुलसी के पत्ते ज़रूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के बिना श्रीकृष्ण भोग स्वीकार नहीं करते। तुलसी को 'विष्णु प्रिया' कहा गया है, और क्योंकि श्रीकृष्ण स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं, इसलिए तुलसी उन्हें अत्यंत प्रिय है। भोग में तुलसी अर्पित करना न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह भगवान के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम का प्रतीक भी है।


जन्मभूमि पर जन्माभिषेक कार्यक्रम

श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना-पूजन आदि रात 11:00

सहस्त्रार्चन (पुष्प एवं तुलसीदल से) रात 11: 55 बजे तक

प्राकट्य दर्शन के लिए पट बंद रात 11:59 मिनट पर

प्राकट्य दर्शन और आरती रात 12:00 बजे से 12: 10 बजे तक

पयोधर महाभिषेक (कामधेनु) रात 12: 10 बजे से 12: 25 बजे तक

ठाकुर जी का जन्म-महाभिषेक रात 12: 25 बजे से 12: 40 बजे तक

श्रंगार आरती रात 12: 45 बजे से 12: 50 बजे तक

शयन आरती रात 01:55 बजे से 2:00 बजे तक


Shri Krishna Janmashtami 2025 Shringar: जन्माष्टमी पर कैसे श्रीकृष्ण का श्रृंगार ? 

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार विशेष रूप से श्रद्धा और शुद्धता के साथ किया जाना चाहिए। इस दिन उन्हें पीले या केसरिया वस्त्र पहनाना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि ये रंग आनंद, पवित्रता और ऊर्जा के प्रतीक हैं।

माथे पर गोपी चंदन का तिलक लगाएं और चंदन की मनमोहक सुगंध से उनका श्रृंगार करें। इस दौरान काले या गहरे रंगों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मकता से जुड़े माने जाते हैं। यदि संभव हो, तो भगवान को तुलसी की माला और सुगंधित कमल के फूल अर्पित करें — ऐसा करना श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है और इससे भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है।



Janmashtami 2025: जन्माष्टमी के दिन घर लाएं ये 5 चीजें 

जन्माष्टमी के दिन कुछ विशेष शुभ वस्तुएं घर लाना बेहद मंगलकारी माना जाता है। इस पावन अवसर पर लड्डू गोपाल की मूर्ति, कामधेनु गाय की प्रतिमा, मोरपंख, बांसुरी, भगवद गीता, वैजयंती माला के फूल और तुलसी का पौधा घर लाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

ऐसा माना जाता है कि इन पवित्र प्रतीकों के माध्यम से बाल गोपाल का स्थायी वास घर में होता है, और साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। ये चीज़ें न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ हैं, बल्कि घर में सुख, समृद्धि और शांति भी लाती हैं।



भोग और प्रसाद के लिए सामग्री

शक्कर

मौसमी फल

पंचमेवा

छोटी इलायची

मिष्ठान

केले के पत्ते

पंचामृत

नारियल

माखन

मिश्री

खीरा



पूजन की थाली में रखी जाने वाली सामग्री

धूपबत्ती

अगरबत्ती

कपूर

रोली

सिंदूर

कुमकुम

चंदन

यज्ञोपवीत (5)

अक्षत (चावल)

पान के पत्ते

सुपारी

हल्दी

पुष्पमाला

रुई

सप्तधान

गंगाजल

शहद

दूर्वा

तुलसी दल

कुश

गाय का दही

गाय का घी

गाय का दूध

दीपक

ताजे फूल


कृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट

 बाल गोपाल और पूजा से जुड़ी सामग्री


बाल गोपाल के वस्त्र

लड्डू गोपाल की प्रतिमा

गाय-बछड़े सहित प्रतिमा

मुरली

मोर पंख

सिंहासन

झूला

आसन

आभूषण

तुलसी की माला

कमलगट्टा


जन्माष्टमी पूजा के 5 मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीनन्दनाय नमः

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥

क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

ॐ कृष्णाय नमः

ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात।


जन्माष्टमी पर बन रहे हैं 6 शुभ संयोग

आज कृष्ण जन्माष्टमी पर ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत मेल देखने को मिल रहा है। आज के दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं, जिन्हें हर कार्य की सफलता के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।


इसके साथ ही वृद्धि योग, ध्रुव योग, श्रीवत्स योग, गजलक्ष्मी योग, ध्वांक्ष योग और बुधादित्य योग भी इस दिन को ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ बना रहे हैं।


ये सभी 6 शुभ योग जन्माष्टमी के पावन पर्व को और भी अधिक पुण्यदायी और फलदायक बना रहे हैं। ऐसे विशेष संयोगों में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।


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