बेसिक स्कूलों में 50 फीसद कंपोजिट ग्रांट से सुधरेगी व्यवस्था, बजट जारी

 बेसिक स्कूलों में 50 फीसद कंपोजिट ग्रांट से सुधरेगी व्यवस्था, बजट जारी

हाथरस परिषदीय विद्यालयों के लिए कंपोजिट ग्रांट के तहत मिलेगा बजट बजट मिलने के बाद परिषदीय विद्यालयों में सुधरेगी अब व्यवस्था हाथरस: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक,उच्च प्राथमिक और संविलियन विद्यालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए शासन की ओर से 50 फीसद कंपोजिट ग्रांट का 2.12 करोड़ के करीब बजट स्वीकृत किया है। जनपद में 1235 प्राथमिक,उच्च प्राथमिक और संविलियन विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में करीब पांच हजार के करीब शिक्षक व शिक्षिकाएं तैनात है। विद्यालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए हर साल कंपोजिट ग्रांट दी जाती है। इस साल 50 फीसद कंपोजिट ग्रांट का पैसा दो करोड़ बारह लाख बासठ हजार रुपये का बजट जारी किया है।कम्पोजिट




स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि अनिवार्य रूप से स्वच्छता अभियान / कार्यक्रम पर व्यय हेतु आरक्षित की जायेगी, जो विद्यालय भवन, परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि, विद्यालय में आवश्यकतानुसार स्वच्छता सामग्री, यथा- टॉयलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना, झाडू, डस्टिंग क्लॉथ, नेलकटर, हैण्डवॉशं, सैनिटाइजर इत्यादि प्रत्येक दशा में वर्षपर्यन्त उपलब्ध रहे। शिक्षकों के उपयोगार्थ उपलब्ध कराये जा रहे टेबलेट्स के संचालनार्थ सिम कार्ड एवं इण्टरनेट की सुविधा (वित्तीय वर्ष 2025-26) हेतु आने वाले बिल का भुगतान स्वीकृति के अनुरूप जनपद स्तर से किया जाये। कार्यवाही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा सम्पादित की जायेगी। उक्त सम्बन्ध में सूचना संकलन एवं पत्रावली व्यवहृत करने का कार्य जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) द्वारा किया जायेगा। 'निपुण भारत' के लोगो की पेन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये, जो जनसामान्य हेतु प्रथम दृष्ट्या दृश्यमान हो। लोगो की पेन्टिंग की माप आयताकार (45 सेमी चौड़ा एवं 60 सेमी ऊँचाई) के आकार में होगी। इस प्रयोजन हेतु जनपद स्तर पर प्रत्येक विद्यालय में 'निपुण भारत के लोगो की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। विद्यालय के ऐसे शौचालय / मूत्रालय जो छोटी-छोटी मरम्मत / छोटे-छोटे आवश्यक कार्य, यथा- शौचालय शीट/यूरिनल पॉट में टूट-फूट आदि के कारण अक्रियाशील हैं, उनमें उक्त कार्यों को कराकर उन्हें क्रियाशील करा लिया जाये। यदि शौचालय में टाइलीकरण का कार्य नहीं हुआ है, तो इसे अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाये।


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