बिना शिक्षक रहते 18 माह का डीईएलएड करने वालों पर कसा शिकंजा
बिहार लोक सेवा आयोग से अध्यापक पद के लिए अनुशंसित दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 18 माह का डीईएलएड कोर्स करने वाले सभी 122 अभ्यर्थियों को पूर्व सेवा में होने के प्रमाणपत्र देने होंगे। इसके साथ ही वेतन भुगतान के प्रमाण के रूप में उन्हें बैंक खाते के स्टेटमेंट भी देने होंगे।
पूर्व सेवा में होने के प्रमाणपत्र एवं बैंक स्टेटमेंट उन्हें इसलिए देने होंगे कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 18 माह का डीईएलएड कोर्स अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए इनसर्विस ट्रेनिंग थी।
ऐसे अभ्यर्थियों के पूर्व सेवा में होने के प्रमाणपत्र एवं बैंक स्टेटमेंट संबंधित छह जिलों के जिला शिक्षा
पदाधिकारियों से प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला द्वारा मांगे गये हैं। इसके लिए उन्हें बजाप्ता फॉर्मेट भी जारी किये गये हैं। संबंधित छह जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, खगड़िया, कटिहार एवं पूर्णिया शामिल हैं।
इससे उन अभ्यर्थियों पर शिकंजा कस गया है, जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 18 माह का डीईएलएड कोर्स करते वक्त शिक्षक के रूप में सेवा में नहीं थे। आपको याद दिला दूं कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अध्यापक पद के लिए अनुशंसित उन 122 अभ्यर्थियों के डॉक्युमेंट का वेरिफिकेशन 30 मई को हो चुका है, जिन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 18 माह का डीईएलएड कोर्स किया है। यह निर्देश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में दिया गया था। उसके साथ संबंधित 122 चयनित अध्यापकों की सूची भी जारी की गयी की गयी थी।
शिक्षा विभाग द्वारा संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी फॉर्मेट में अभ्यर्थी का नाम, रौल नम्बर, अभ्यर्थी द्वारा डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन के दौरान 10 अगस्त, 2017 से पूर्व सेवा में होने के प्रमाणपत्र के रूप में वेतन भुगतान संबंधी बैंक खाते का स्टेटमेंट संलग्न किया गया अथवा नहीं, सिस्टम में अभ्यर्थियों के डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन के पश्चात काउंसलिंग को सफल मार्क किया गया अथवा डाउटफुल एवं अभ्युक्ति के कॉलम दिये गये हैं।