वेतन निर्धारण नहीं होने से बढ़ा संकट, जीवन निर्वाह भी मुश्किल
तन निर्धारण नहीं होने से बढ़ा संकट, जीवन निर्वाह भी मुश्किल
समक्षमता परीक्षा पासकर विशिष्ट हुए शिक्षकों को उम्मीद थी उन्हें हर महीने नियमित वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि उन्हें चार महीनों से वेतन नहीं मिला है और पुराना बकाया भी है। नए वेतनमान का निर्धारण कैसे हो, इसपर भी विभाग के अधिकारी स्पष्ट नहीं हैं। इससे शिक्षकों में ऊहापाेह की स्थिति बनी हुई है। इस कारण जीवन निर्वाह भी मुश्किल हो गया है। जिले में करीब 8242 विशिष्ट शिक्षक कार्यरत हैं। बोले समस्तीपुर के तहत विशिष्ट शिक्षकों ने अपनी-अपनी समस्याओं को खुलकर रखा। कहा, शिक्षा विभाग उनकी समस्याओं का जल्द निदान करे। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर विशिष्ट शिक्षक बने शिक्षकों के चेहरे पर असमंजस है।
एक तो प्रान नंबर जेनरेट नहीं होने के कारण नियुक्ति के तीन माह तक वेतन के लिए दौड़ भाग लगानी पड़ी। उसके बाद जब वेतन मिला भी तो कम वेतन पर ही संतोष करना पड़ा। विशिष्ट शिक्षकों का कहना है कि सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद उम्मीद जगी थी कि वेतन के साथ अन्य ज्वलंत समस्याओं का समाधान हो जायेगा। लेकिन, नियुक्ति से अब तक वेतन का निर्धारण नहीं किया जा सका। जिससे कम ही वेतन मिल रहा है वहीं बची राशि का एरियर बनते जा रहा है। बोले समस्तीपुर अभियान के दौरान विशिष्ट शिक्षकों ने अपनी-अपनी समस्याओं को खुलकर रखा और शिक्षा विभाग व सरकार से विशिष्ट शिक्षकों की समस्याओं का निवारण करने के लिए पहल की अपेक्षा जताई। जिले में करीब 8242 विशिष्ट शिक्षक को योगदान के चौथे माह में मार्च तक का वेतन दिया गया। इसको लेकर भी दर्जनों विशिष्ट शिक्षक डीपीओ स्थापना के समक्ष आक्रोश जताया था। बीएसटीए के जिलाध्यक्ष अशोक साहू का कहना है कि विशिष्ट शिक्षकों को वेतन मिला भी तो होली और ईद में खर्च पूरा नहीं पड़ा। कहा, हमलोग कम वेतन कम आवास भत्ता का दंश झेल रहे हैं, पड़ोसी जिलों में विशिष्ट शिक्षकों का वेतन विभागीय नियमानुसार पे-प्रोटेक्शन के हिसाब से निर्धारण हो चुका है। शिक्षक गगन कुमार ने कहा कि यहां के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अभी ये ही नहीं समझ पा रहे हैं कि किस आधार पर वेतन निर्धारण करें सक्षमता एक और सक्षमता दो में वेतन कम-ज्यादा की समस्या में उलझ जा रहे हैं। शिक्षकों को ये डर भी सता रहा है कि यह अंतर वेतन की राशि कब मिलेगी और कब तक मिलेगी, यह अभी तय नहीं है। पूर्व की भी राशि का भुगतान फंसा हुआ है। सक्षमता दो परीक्षा पास उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षकों को अभी योगदान दिये अभी दो माह हो चुके हैं, लेकिन वेतन की प्रक्रिया विभाग ने शुरू नहीं की है। अल्प वेतनभोगी अधिकतर शिक्षक लोन लिए हुए हैं, वो भी एक परेशानी का सबब है। शिक्षक बिरदेलाल यादव ने बताते हैं कि सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य में जितने नियोजित शिक्षक हैं, उनको एक परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा। इस आलोक में एक नियमावली बनाई गई, जिसका नाम बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 रखा गया। जिसके तहत नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी। इसके लिए पांच मौके दिए गए हैं। सरकार और विभाग के निर्देशानुसार सक्षमता परीक्षा पास कर शिक्षक विशिष्ट शिक्षक बनकर एक जनवरी से स्कूलों में योगदान दिया। सक्षमता-1 वाले का तो वेतन मिला, लेकिन सक्षमता-2 पास शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी। जिससे शिक्षक आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। शिक्षक सुमित कुमार ने बताया कि नियामवली में वेतन संरक्षण का लाभ दिया गया था, मगर वह भी लाभ तत्काल टाल दिया गया है। कम बेसिक पर ही वेतन निर्धारण किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों का प्रतिमाह 10 हजार तक एरियर बनता है।
-बोले-जिम्मेदार-
शिक्षकों की ओर से सक्षमता के आवेदन करते समय आवेदनकर्ता की ओर से कुछ त्रुटि रही होगी या फिर प्रान के आवेदन के समय भी कुछ गलत जानकारी दी गई होगी। जिस कारण से दोनों टैली नहीं करने पर पेमेंट नहीं हो रहा होगा। इसके निराकरण को लेकर स्टेट की ओर से एक गूगल सीट जारी की गई है जिसमें शिक्षकों को अपना डिटेल भरना है। जिले में करीब 250 शिक्षकों के ही पेमेंट फिलहाल लंबित हैं। आने वाले दिन में भी इसका निराकरण कर दिया जाएगा।
-कुमार सत्यम, डीपीओ स्थापना
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