गोरौल प्रखंड के मध्यविद्यालय चैनपुर की एक शिक्षिका ने अपने विभाग के साथ धोखाधड़ी की करतूत कर सरकारी सेवक की सभी सीमाओं को लांघ दिया।साथ ही चंद सरकारी राशि की लालच में शिक्षिका पद पर रहते हुये महिला समाज को कलंकित किया है। मिली जानकारी अनुसार उक्त विद्यालय की शिक्षिका अर्चना कुमारी अपने बच्चेदानी का ऑपरेशन करा चुकी थी। तब भी सरकारी नियमानुसार महिला सरकारी सेवक को प्रत्येक माह देय वेतन सहित प्राकृतिक अवकाश भी लेती रही। इस संबंध में ग्रामीणों से मिले आवेदन की जांच किये जाने पर आरोप की पुष्टि होंने के साथ डीपीओ स्थापना कुमार शशिरंजन ने आरोपित शिक्षिका को निलंबित करते हुये विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया है। साथ ही तत्काल प्रभाव से उक्त आरोपित शिक्षिका का मुख्यालय बीआरसी हाजीपुर निर्धारित किया है। दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण की जांच हेतु डीपीओ प्रा. शिक्षा राजन
कुमार गिरी को नियुक्त किया है। डीपीओ स्थापना को ग्रामीणों से शिक्षिका अर्चना के इस घिनौने करतूत की जानकारी मिली। डीपीओ ने गोरौल बीईओ सुशील कुमार से इस मामले की जांच करायी। आदेशानुसार बीईओ ने अपना जांच प्रतिवेदन दिनांक 17 अप्रैल को पत्रांक 320 द्वारा समर्थित किया। में कहा है कि वह बीमार होने पर गोरौल के आशीष हॉस्पिटल में इलाज करायी एवं दवा ली जबकि उक्त अस्पताल प्रबंधन ने साक्ष्य में ओपीडी प्रस्तुत कर बताया कि अर्चना कुमारी कोई मरीज नहीं आयी थी।
जांच के क्रम में जब जानकारी मिली तो गोरौल के ही आशीर्वाद हॉस्पिटल के प्रबंधन से पुष्टि हुयी कि अर्चना कुमारी के बच्चेदानी का ऑपरेशन पिछले 3 फरवरी को की गई थी। प्रतिवेदन में आरोप है कि बच्चेदानी ऑपरेशन कराने के बाद 10 से 11 फरवरी एवं 24 से 25 मार्च को अर्चना कुमारी प्राकृतिक अवकाश ली है जो सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत धोखाधड़ी का मामला है।
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