नदी में तैरकर हर दिन बच्चों को पढ़ाने जाते हैं गुरुजी

नदी में तैरकर हर दिन बच्चों को पढ़ाने जाते हैं गुरुजी

 नदी में तैरकर हर दिन बच्चों को पढ़ाने जाते हैं गुरुजी

मलप्पुरम, एजेंसी। केरल के

मलप्पुरम जिले के पदिन्जडुमुरी गांव के गणित शिक्षक अब्दुल मलिक पिछले 20 वर्षों से लगातार कडलुंडी नदी तैरकर स्कूल पहुंचते हैं।



वर्ष 1994 से शुरू हुई उनकी यह दिनचर्या सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी की भावना का प्रतीक है। अब्दुल मलिक हर दिन सुबह अपने घर से साइकिल पर निकलते हैं, फिर अपनी किताबें, कपड़े और दोपहर का खाना एक प्लास्टिक बैग में रखकर उसे टायर ट्यूब से बांधते हैं। इसके बाद वे लगभग 15-30 मिनट तक नदी की


धाराओं से जूझते हुए स्कूल पहुंचते हैं। तैरकर जाना बेहतर : उनका कहना है, 'बसों पर निर्भर रहना समय की बांदी है। तैरकर जाना बेहतर है।' छात्रों ने उन्हें प्यार से' ट्यूब मास्टर 'नाम दे दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने नदी की बिगड़ती हालत देखकर छात्रों के साथ मिलकर सफाई अभियान चलाना शुरू किया। वे बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाते हैं।

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