बोर्ड एग्जाम में कम नंबर लाने पर बीएसए ने की आपने बेटे की तारीफ, लोगों से भी कही ये अहम बात
अलीगढ़ः 16 वर्षीय किशोर ने 62 प्रतिशत अंक के साथ हाईस्कूल की परीक्षा पास की। नाराज पिता ने इतना डांटा कि बेटा रूठकर घर से चला गया।
फिर भटकता दिल्ली में मौसी के घर पहुंच गया। लेकिन, अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डा. राकेश कुमार सिंह के लिए तो अपने बेटे के 60 प्रतिशत नंबर ही भरपूर हैं। सीबीएसई की 12वीं में पास हुए बेटे ऋषि सिंह की मार्कशीट उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दी। बेटा कुछ समझा नहीं।
पोस्ट पर लिखा, अंक औसत हैं। पापा, नाराज हो। जवाब मिला, नहीं। इतना खुश तो सरकारी नौकरी मिलने पर भी न हुआ।
बीएसए ने बेटे को दिए जवाब में यह भी लिखा कि आपने 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। मेरे तो बीए में 52 प्रतिशत अंक थे। हाईस्कूल में 60 प्रतिशत व इंटर में 75 प्रतिशत अंक थे। उन्होंने उन अभिभावकों को भी संदेश दिया, बीएसए ने बेटे की अंकतालिका पोस्ट कर कम नंबर से पास बच्चों के अभिभावकों को दिया संदेश
बीएसए ने बीए में 52 प्रतिशत अंक के बाद लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने का भी दिया हवाला
जिनके बच्चे या तो पास नहीं हो पाए हैं या कम अंक लाए हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को निराश होने या घबराने की जरूरत नहीं है। बीएसए ने बताया कि उन्होंने ग्रेजुएशन करने के बाद प्रवेश परीक्षा दी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश मिल गया। मुझे इतिहास का बहुत ज्ञान नहीं था, फिर भी मैंने वर्ष 2000 में लोक सेवा आयोग में इतिहास में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
उन्होंने अभिभावकों को संदेश दिया कि सभी को अपने बच्चों को परीक्षा पास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
बेटे के साथ वीएसए राकेश सिंह स्वजन अपनी अपेक्षाओं और आशाओं का बोझ उन पर न लादें। आपका बच्चा इस ब्रह्मांड की एक अनमोल रचना है। वह निश्चित रूप से एक दिन बड़ा होकर अच्छा करेगा...। बीएसए ने बताया कि अंकों के आधार पर मेरे मां-बाप अगर यही मान लेते कि यह कुछ नहीं कर पाएगा तो मेरा तो करियर खराब हो जाता। मुझे हिम्मत दी। 2000 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी तो बैच का टापर रहा। बच्चे के पास मां-बाप ही होते हैं। वे ही उसे दुनिया में रहने लायक नहीं छोड़ेंगे तो बच्चा जाएगा कहां? किससे उम्मीद करेगा.
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