10 साल तक काम करने के बाद पकड़ में आया फर्जी शिक्षक, मामला खुला तो... हर कोई रह गया दंग!
जमुई में एक और फर्जी शिक्षक का मामला सामने आया है। सिकंदरा प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवकाडीह के शिक्षक विपिन कुमार पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का आरोप है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना ने मामला दर्ज किया है। जांच में गुवाहाटी विश्वविद्यालय से अंक पत्र फर्जी पाया गया। बावजूद इसके विपिन कुमार ने नौकरी नहीं छोड़ी।
संवाद सूत्र, सिकंदरा (जमुई)। जमुई में एक बार फिर 10 साल काम करने के बाद एक फर्जी शिक्षक पकड़ा गया। मामला सिकंदरा प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवकाडीह के एक शिक्षक से जुड़ा है।
इसे लेकर दो दिन पूर्व निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के डीएसपी विकास कुमार श्रीवास्तव ने कूट रचना (फोर्जरी) कर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने के मामले में लछुआड़ थाने में उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवकाडीह के प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप कार्यरत शिक्षक विपिन कुमार के विरुद्ध केस दर्ज कराया है।
निगरानी पटना हाई कोर्ट के जनहित याचिका संख्या सीडब्ल्यूजेसी न.15459/14 में पारित आदेश के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना जमुई द्वारा शिक्षक विपिन कुमार के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक अंक पत्र व प्रमाण पत्रों की जांच से संबंधित फोल्डर उपलब्ध कराए गए।
जब फोल्डर की जांच हुई तो पता चला..
फोल्डर के अवलोकन के पश्चात पाया गया कि शिक्षक विपिन कुमार ग्राम मानपुर, थाना, चंद्रदीप, जिला जमुई ने नियोजन वर्ष 2015 में बिहार राज्य के माध्यमिक शिक्षक के लिए आवेदन समर्पित किया था। नियोजन इकाई जमुई के कार्यालय आदेश ज्ञापांक 803 दिनांक 02.5.2015 के अनुसार उक्त आरोपित शिक्षक बहाल हुए।
उक्त जांच प्रतिवेदन के क्रम संख्या चार में प्रतिवेदित किया गया कि अभ्यर्थी विपिन कुमार जिनका राल नंबर एएस-0081, उत्तीर्ण वर्ष 2014, अंक प्रमाण की संख्या-1506, प्राप्तांक 524 श्रेणी प्रथम अंकित है को गुवाहाटी विश्वविद्यालय गुवाहाटी सत्यापन के लिए भेजा गया।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय के सत्यापन प्रतिवेदन के तालिका कॉलम सात में वर्णित तथ्यों के अनुसार, फर्जी व फेक बताया गया। बावजूद आरोपित शिक्षक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा निर्धारित एमनेस्टी पीरियड में त्याग पत्र नहीं किया गया।
डीएसपी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना ने दर्ज कराए केस में यह उल्लेख किया कि शिक्षक विपिन कुमार द्वारा अंक पत्र की कूटरचना(फोर्जरी) कर अंक पत्र को असली के रूप में प्रयोग कर धोखाधड़ी से अवैध रूप से नियोजन में लाभ प्राप्त किया किया गया। डीएसपी ने थानाध्यक्ष लछुआड़ से अविलंब कार्रवाई करते हुए अनुसंधान का आग्रह किया है।
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