सुपौल नियोजित शिक्षक से
सक्षमता परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बने हुए तीन महीने बीत चुके हैं और एक जनवरी से राज्यकर्मी भी बन चुके हैं. पीआरएएन जेनरेट भी सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान हो चुका है. लेकिन अब तक 4500 शिक्षकों में से मात्र 815 शिक्षकों को एक माह का वेतन भुगतान हो पायाहै. बाकी शेष शिक्षकों को एचआरएमएस ऑनबोर्डिंग के नाम पर फुसलाया जा रहा है. विभाग द्वारा कहा जाता है कि पटना से जैसे-जैसे डेटा आता है, वैसे-वैसे वेतन भुगतान हो रहा है. अब तो होली बीत चुकी है और अब पवित्र महीना रमजान बीतने वाला है. कुछ ही दिन में ईद भी वाली है. लेकिन वेतन के लिए आने शिक्षक दर-दर भटक रहे हैं.
जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी समी उल्लाह अशरफी ने बताया कि जब इस संबंध में डीईओ कार्यालय के कर्मी से विलंब का कारण पूछा जाता है तो वहां से कहा जाता है कि एस सिद्धार्थ साहेब से पूछिए. उनलोगों को वेतन के संबंध में कुछ पता नहीं है. बताया कि सरकार और विभाग की लापरवाही से शिक्षकआर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं. तीन माह से वेतन के अभाव में शिक्षकों का रमज़ान फीकी चल रही है और ईद भी फीकी पड़ने वाली है. इसलिए सरकार को समय रहते इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
ताकि शिक्षक अपनी ईद खुशी-खुशी मना सके. इस संबंध में संघ के जिला सचिव डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव और संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार मेहता ने सरकार से मांग की है कि विशिष्ट शिक्षकों का माह जनवरी, फरवरी और मार्च का वेतन भुगतान अविलंब किया जाए, वरना संघ आंदोलन करेगा. संघ के मीडिया प्रभारी ने कहा कि सरकार शिक्षकों की हाजिरी बनवाती है एप से और वेतन देती है तीन महीना गैप से, ऐसी मनमानी नहीं चलेगी.
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