जागरण संवाददाता, शिवहर साइबर
अपराध का नया और अलग मामला सामने आया है। साइबर अपराधी ने खुद को शिक्षा विभाग का कर्मी बता 50 से अधिक शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज कराने के बारे में जानकारी दी। इसके तीन दिन बाद उनके मोबाइल नंबर पोर्ट करा जहां उनके सिम ब्लाक कर दिए, वहीं बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा दिए। हैरत की बात यह कि बगैर ओटीपी लिए रुपये उड़ाए। बिना पोर्टेबिलिटी की स्वीकृति लिए ही मोबाइल नंबर पोर्ट करा दिए। मामला सामने आने के बाद शिक्षकों ने साइबर थाने में आवेदन दिए हैं। 50 से अधिक शिक्षकों के बैंक खाते से दस लाख से अधिक की रकम उड़ाने की जानकारी मिली है। हालांकि शिक्षकों की संख्या व रकम बढ़ सकती है। एसडीपीओ सुशील कुमार ने बताया कि साइबर थाने में आवेदन मिला है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
सोमवार को जिले के सैकड़ों शिक्षकों को उनके मोबाइल नंबर पर 7654520351 से काल आया। काल करने वाले ने खुद को शिक्षा विभाग का कर्मी बताया। उसने ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज कराने के बारे में जानकारी ली। साथ ही उनके आधार कार्ड, ईमेल आइडी व ईपीएएफ अकाउंट आदि की जानकारी देते हुए ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज कराने में हो रही असुविधा के बारे में बात की। फिर मोबाइल नंबर 7903231176 से उसी व्यक्ति ने वाट्सएप पर वीडियो काल किया और शिक्षकों को स्क्रीन शेयर करने का निर्देश दिया। शिक्षकों ने स्क्रीन शेयर कर लिया। बुधवार रात से मोबाइल नंबर ब्लाक होने लगे और शिक्षकों के सैलरी अकाउंट से रुपये कटने लगे। शिक्षकों ने जब सिम ब्लाक होने के बारे मे मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से बात की तो पता चला कि मोबाइल नंबर पोर्ट कर लिए गए हैं। इसके बाद शिक्षकों ने संबंधित मोबाइल नंबर से जुड़े खातों को बंद करा दिया।
साइबर अपराधियों की ठगी का शिकार बने कलावती जियालाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक मो. शमसे आलम ने बताया कि वाट्सएप वीडियो काल करने वाले का चेहरा नहीं दिख रहा था। बताया कि उक्त साइबर ठग के पास शिक्षकों से संबंधित तमाम डेटा उपलब्ध थे। उनकी सैलरी में महज एक हजार रुपये थे, जिसे साइबर बदमाश ने उड़ा दिए। उन्होंने साइबर थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है। इसी विद्यालय की शिक्षिका अनामिका निधि ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने अज्ञात मोबाइल धारक को आरोपित किया है। इधर, पिपराही के नवीन कुमार, मनोज कुमार व मो. इरफान आदि शिक्षकों ने बताया कि उनके नंबर पर भी काल आया था, लेकिन उन लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया।
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