राज्य ब्यूरो, जागरण पटना: राज्य के प्रत्येक विद्यालय में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की पोस्टिंग होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिलेवार प्रत्येक विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात का आकलन कराया जा रहा है। चूंकि 31 दिसंबर से पहले शिक्षकों के स्थानातंरण और पदस्थापन सुनिश्चित किया जाना है। उससे पहले प्रत्येक विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात का आकलन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अधिसंख्य विद्यालयों में शिक्षकों का पदस्थापन हो चुका है। विद्यालयों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि कहीं छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है तो कहीं कम। इसके मद्देनजर जिला शिक्षा अधिकारियों से 10 नवंबर तक आकलन रिपोर्ट मांगी गई है। राज्य में 75 हजार सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय है, जहां एक करोड़ 72 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात एकसमान करने का लक्ष्य तय किया है। विद्यालयों के निरीक्षण में यह बात भी सामने आई है कि विद्यालयों में कहीं छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है तो कहीं कम। खासकर नगर निकाय क्षेत्र के विद्यालयों में छात्रों के
अनुपात में शिक्षकों की ज्यादा संख्या का पता चला है। बता दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 35:1 होना चाहिए। इसके विरुद्ध राज्य के विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का अभी तक वास्तविक आकलन नहीं हो पाया है। सरकारी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात में अभी कई विसंगतियां हैं।
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