पटना : प्रदेश की शिक्षण प्रणाली को आधुनिकता के जरिए उच्च गुणवत्ता युक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध सरकार ने अनुदानित विद्यालयों और महाविद्यालयों के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके आधार पर बहुत जल्द प्रदेश के अनुदानित विद्यालयों को आनलाइन प्लेटफार्म से जोड़ते हुए विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों के आधार पर जानकारियां समायोजित कर मोबाइल एप विकसित किया जाएगा। यह एप जियो टैगिंग व टीचिंग स्टाफ माड्यूल समेत कई खूबियों से लैस होगा। सरकारी विद्यालयों की तरह चेहरा दिखाकर उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था अनुदानित विद्यालयों में लागू होगी।
अनुदान के लिए आनलाइन आवेदन ही किए जाएंगे स्वीकार
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के करीब साढ़े तीन सौ माध्यमिक और इंटर विद्यालय हैं, जिन्हें सरकार से प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाता है। ऐसे विद्यालयों के सभी तरह के दस्तावेज को डिजिटल किए जाने की योजनाहै।
अनुदान पाने के लिए विद्यालयों को आनलाइन आवेदन करने होंगे। इतना ही नहीं, विभाग द्वारा शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति भी डिजिटल मार्क करने के निर्देश भी जल्द जारी किया जाएगा। इसके अंतर्गत छात्र-छात्राओं के साथ- साथ शिक्षकों को भी टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
करने होंगे डाटा अपलोड अनुदानित विद्यालयों के अलावा दो
सौ सताइस संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों को भी आनलाइन प्लेटफार्म बेस्ड एप से जोड़ने की योजना है। इसके आधार पर संबंधित संस्थानों के डाटा को संकलित कर डाटा बैंक बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद ज्यादा छात्र- छात्राओं को ट्रैक करने और उनके डाटाबेस को वन स्टाप डेस्टिनेशन के तौर पर एक्सेस करने का प्लेटफार्म तैयार हो जाएगा। इस एप में विद्यार्थियों की जन्म तिथि, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, परिवारिक पृष्ठिभूमि, सामाजिक व आर्थिक स्थिति और शैक्षणिक डाटा शामिल होंगे। इसी प्रकार कर्मचारियों व शिक्षकों की भी जानकारियां अंकित होंगी।
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