पटना: बिहार लोक सेवा आयोग
(बीपीएससी) ने बुधवार को प्रधान शिक्षक के लिए श्रेणीवार न्यूनतम अर्हतांक (क्वालीफाइंग मार्क्स) को विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है। इसमें सामान्य वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्हतांक 40 प्रतिशत बताया गया है। प्रधान शिक्षक की मेधा सूची 150 अंकों पर जारी की गई है। जिसके अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पुरुष अभ्यर्थी को प्रधान शिक्षक बनने के लिए कम से कम 60 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। वहीं, एक नवंबर को जारी प्रधान शिक्षक के परिणाम में ईडब्ल्यूएस का कटआफ अंक 48 दर्शाया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि बुधवार
को जारी विज्ञप्ति से ऊहापोह की स्थिति और बढ़ गई है।
आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग पुरुष के लिए न्यूनतम अर्हतांक क्रमशः 36.5 प्रतिशत और 34 प्रतिशत है। इसके अनुसार पिछड़ा वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों द्वारा 54.75 और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 51 अंक प्राप्त करने पर ही प्रधान शिक्षक बनेंगे। इनका कटआफ न्यूनतम अर्हतांक से अधिक है।
ई-मेल कर रहे हैं। कोटिवार निर्धारित विहार लोक सेवा आयोग न्यूनतम अर्हतांक से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को मेधा सूची में शामिल नहीं किया गया है। आयोग सूत्रों का कहना है कि
वहीं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित सभी श्रेणी की महिलाएं एवं दिव्यांग के लिए न्यूनतम अर्हतांक 32 प्रतिशत है। उक्त श्रेणी में शामिल अभ्यर्थियों को प्रधान शिक्षक में चयन के लिए कम से कम 48 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। आयोग ने विज्ञप्ति में बताया है कि एक नवंबर को परीक्षाफल प्रकाशन के बाद कई अभ्यर्थियों ने न्यूनतम अर्हतांक एवं कटआफ अंक को लेकर अनावश्यक
ईडब्ल्यूएस का कटआफ 48 अंक पुरुष की बजाय दिव्यांग अभ्यर्थियों का है। अभ्यर्थियों का कहना है कि दिव्यांग श्रेणी का अलग से कटआफ जारी किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि टंकण में त्रुटि है तो आयोग स्पष्ट करे। आयोग ने एक नवंबर को शिक्षा विभाग व अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के क्रमशः पांच हजार 971 व तीन तथा शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के 36 हजार 947 पदों के लिए परिणाम जारी कर दिया है।
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